गरीबों के लिए ऐसा सरकारी अस्पताल कहां : परिजन
विगत जनवरी माह में औसतन एक दिन में चार से पांच सौ मरीज आ रहे थे. समय बीतने के साथ अब 15 से 16 सौ मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं. एसएनएमएमसीएच ओपीडी में अब पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती. दूर दूर से लोग अपने बीमार स्वजन को लेकर लंबी कतार में लग रहे हैं. अपनी बारी का इंतजार करते परिजनों के चेहरे पर चिंता और थकान के साथ उम्मीद भी दिखती है.पंजीकरण के साथ ही खिल जाते हैं चेहरे
ओपीडी में पंजीकरण के साथ ही उनके चेहरे पर मायूसी घटने लगती है. उम्मीद हिलोरें लेने लगती हैं कि अब उनके प्रिय व्यक्ति को इलाज मिल जाएगा. 28 मार्च सोमवार को भी अस्पताल की यही हालत थी. कई परिजन घर के बीमार सदस्य को लेकर पहुंचे थे. पंजीकरण काउंटर के आगे लोगों की भीड़ लगी रही. यह पूछने पर कि एसएनएमएमसीएच ही क्यों, एक परिजन ने कहा कि यहां हर तरह के डॉक्टर हैं. पैसा भी कम लगता है. सरकारी अस्पताल है तो लोगों की मदद भी मिल जाती है. एक अन्य सज्जन ने भी उनकी बात पर हां में हां मिलाते हुए समर्थन किया.पता नहीं इतने दिन कहां थे ये मरीज : अमित कुमार
ओपीडी पंजीकरण कर्मचारी अमित कुमार कहते हैं. कोरोना घटते ही मरीजों की बाढ़ आने लगी है. पता नहीं इतने दिन कहां थे लोग. उसने बताया कि कोरोना के मामलों में कमी के बाद ओपीडी में भीड़ बढ़ने लगी है. आंकड़ों के बारे में पूछने पर उसने बताया कि विगत जनवरी माह में रोज ओपीडी आने वाले मरीजों की संख्या लगभग चार- पांच सौ होती थी. परंतु यह संख्या बढ़ती जा रही है. अब इस माह में बढ़कर 15 से 16 सौ मरीज पहुंचने लगे हैं.मरीजों की संख्या बढ़ी है : अधीक्षक
एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर अरुण वर्णवाल ने भी इन आंकड़ों की पुष्टि की. बताया कि कोरोना के केस घटने के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है. आंकड़ों और संख्या के हिसाब से एसएनएमएमसीएच के डेंटिस्ट्री में 45, डर्मेटोलॉजी में 154, ईएनटी में 121, आई में 158 जेनरल सर्जरी में 151, जेनरल मेडिसिन में 264, ओएसटी में एक, गाइनोलॉजिस्ट में 145, आर्थो में 240, पेडियाट्रिक में 70, Psychiatry में 42, रेडियो थेरेपी में एक मरीज चिकित्सकीय परामर्श के लिए पहुंचे थे. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-half-a-dozen-transformers-destroyed-in-two-months/">धनबाद: दो माह में आधा दर्जन ट्रान्सफार्मर खाक [wpse_comments_template]