- प्रभु सचमुच जी उठे
पवित्र आग से जलायी गयी पास्का मोमबत्ती
alt="" width="786" height="596" /> रांची आर्चबिशप विंसेंट आइंद ने पास्का रात्रि जागरण धर्मविधि संपन्न किया. पवित्र समारोह का आरंभ आग की अशीष से शुरू हुआ. उस पवित्र आग से पास्का मोमबत्ती जलाया गया. इसके बाद सभी मसीही विश्वासियों ने पास्का मोमबत्ती से अपनी-अपनी मोमबत्ती जलायी. सभों के हाथों में जलती हुई मोमबत्ती का मनोरम दृश्य देखते ही बन रहा था. प्रकाश की यह धर्मविधि सत्य का असत्य पर और प्रकाश का अंधकार पर विजय का प्रतीक है. पास्का रात्रि जागरण धर्मविधि के दौरान बारिश होने लगी. इसके बावजूद विश्वासीगण अपनी-अपनी जगह पर डट रहे और भक्ति और विश्वास का परिचय दिया. इस समारोह के में पवित्र जल की आशीष हुई. सभी विश्वासियों ने अपने बपतिस्मा प्रतिज्ञा का नवीनीकरण भी किया.
अभी का समय प्रभु के पुनरूत्थान पर विचार करने का क्षण है - आर्चबिशप विंसेंट
alt="" width="978" height="603" /> इस अवसर पर आर्चबिशप विंसेंट आइंद ने अपने प्रवचन में कहा कि पास्का पर्व के पहले हमने 40 दिनों तक (जिसे लेंट पर्व के रूप में मनाया जाता है) खुद को तैयार किया. वहीं चार दिनों का पवित्र सप्ताह ईसाई समुदाय के लिए विशेष दिन रहा, जिसमें हमने हमारे मुक्ति के रहस्यों में भाग लिया और उस पर मनन चिंतन किया. पवित्र शुक्रवार (गुड फ्राइडे) के दिन हमने प्रभु के दुखभोग और मृत्यु पर मनन चिंतन कर उनके दुखों को समझने का प्रयास किया. अभी का समय हमारे लिए प्रभु के पुनरूत्थान पर विचार करने का क्षण है. आर्चबिशप विंसेंट ने कहा कि प्रभु हमारे लिए मर गये, हमारे मुक्ति के लिए अपने प्राण क्रूस पर न्यौछावर कर दिया. लेकिन जब आज हम उनके पुनरूत्थान की घोषणा करते हैं, उनके मृत्यु से जी उठने का प्रचार करते हैं, तो हमें यह बात समझने की आवश्कता है कि मृत्यु और अंधकार सिर्फ थोड़े समय के लिए होता है. अंत में जीवन और सच्चाई की ही जीत होती है और यह तथ्य प्रभु के जीवन से साबित होती है. अंत में आर्चबिशप विंसेंट आइंद ने सभी को पास्का महोत्सव की बधाई और शुभकामनाएं दी. [wpse_comments_template]