लगभग 10 दिनों तक पारा इतना ऊपर पहली बार रहा है. इसे भी पढ़ें-मनचलों">https://lagatar.in/manchalas-teased-girl-students-at-farewell-party-in-hunger-garden-beaten-up-student-for-protesting/17083/">मनचलों
ने हंगर गार्डन में फेयरवेल पार्टी कर रही छात्राओं को छेड़ा, विरोध करने पर छात्र को पीटा
जनवरी का गर्म होना बदलते मौसम का संकेत, स्थिति डरावनी
इस बार कोविड महामारी के बीच जहां ज्यादा गर्मी न पड़ने पर हम सब खुश हो रहे थे. पर अब ठंड न पड़ने पर यह स्थिति डरानेवाली है. गर्मी में काफी तेज गर्मी, ठंड में ठंड न पड़ना और बारिश में कमी. प्रियदर्शी ने इसका संबंध जलवायु परिवर्तन से होने की बात कही. उन्होंने कहा कि यह सभी काफी डरावनी है और इसपर हमें तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो परिस्थिति और भी बिगड़ सकती है.इस बार बदल गयी हवाओं की दशा
राज्य में ठंड पश्चिमी विक्षोभ के कारण आता है. जब हिमाचल, जम्मू-कश्मीर आदि में बर्फबारी होती है तो उसका असर राज्य में भी देखने को मिलता है. उन इलाकों से ही होकर ठंडी हवाएं राज्य में प्रवेश करतीं है. लेकिन हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, सभी जगहों पर भारी बर्फबारी हो रही है. फिर भी राज्य में ठंड नहीं आ रही है. इससे यह पता चलता है कि राज्य में जो हवाएं आतीं थी उनकी दशा में परिवर्तन है. फिलहाल रांची सहित राज्य में जो गर्म हवा है वो अरब सागर से आ रही है. इसे भी पढ़ें-ओरमांझी">https://lagatar.in/ormanjhi-girl-murder-case-identity-of-the-killer-photo-released-by-ranchi-police/17071/">ओरमांझीयुवती हत्याकांड: हत्यारे की हुई पहचान,रांची पुलिस ने जारी किया फोटो
बिगड़ती जलवायु क्यों है चिंता की विषय
राज्य की बिगड़ती जलवायु काफी गंभीर मामला है. इससे और भी महामारी फैलने का डर है. सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को है. खेती पर इसका असर काफी पड़ेगा. शहर का प्रदूषण भी काफी बढ़ा हुआ है. जलवायु परिवर्तन के होंगे गंभीर परिणाम- प्रवासी पक्षी जो ठंड में झारखंड आते थे, वे आना बंद कर देंगे.
- बारिश में कमी आ जायेगी. खेती पर पड़ सकता है असर
- गेहूं, जिसे लंबे समय तक ठंडे मौसम की जरूरत होती है, उस पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.
- पूरे राज्य में अंडरग्राउंड वाटर में कमी आ जाएगी. नदी-तालाब तो अभी ही सूखने लगे हैं.