Ranchi: झारखंड में अभी सरकार की कंपनी झारखंड स्टेट बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) शराब व बीयर बेचती है. जिन दुकानों पर शराब व बीयर बिकता है, वह भी सरकार के ही नियंत्रण में है. जो बीयर-बार रेस्टूरेंट है, वहां भी तय दुकानों से ही शराब की सप्लाई की जाती है. इसके बाद भी यह शिकायत है कि दुकानों में सभी ब्रांड के शराब या बीयर नहीं मिलते हैं. शराब या बीयर पीने वालों को मनपसंद ब्रांड नहीं मिलता, इसकी वजह क्या हो सकती है. तब जबकि विभाग का दावा है कि गोदाम में हर ब्रांड के शराब या बीयर उपलब्ध है. इस बारे में बताया जाता है कि उत्पाद विभाग के जिलों के अधिकारियों का दिमाग इन सबके पीछे चल रहा है. जानकारी के मुताबिक, शराब के दुकानों में बडवाईजर, कोरोना, थंडरबोल्ट, किंगफिशर जैसे ब्रांड के बीयर नहीं मिलेंगे. सिम्बा, हंटर, मंकी जैसे ब्रांड खूब मिलते हैं. ऐसा नहीं है कि इन कंपनियों का बीयर गोदाम में उपलब्ध नहीं है. गोदाम में उपलब्ध रहने के बाद भी दुकानों में सप्लाई नहीं की जाती. कुछ खास दुकानों में ही सप्लाई की जाती है. खास कर उन दुकानों में, जहां से बीयर-बार रेस्टूरेंट को सप्लाई होता है. बाकी दुकानों में सस्ती व कम लोकप्रिय ब्रांड की बीयर उपलब्ध कराया जाता है. इन सबके पीछे जिलों में पदस्थापित अधिकारियों की अनैतिक ख्वाइश काम करता है. सूत्रों ने बताया कि कुछ माह पहले तो बडवाइजर ब्रांड का बीयर बड़ी मात्रा में रखे-रखे एक्सपायर कर गया. लेकिन उसे गोदाम से दुकान तक नहीं भेजा गया. इसकी एक वजह यह है कि इस कंपनी का कोई भी कर्मचारी या पदाधिकारी किसी अफसर के पास नहीं आता-जाता. यही स्थिति शराब, यानी व्हिस्की की भी है. अच्छे ब्रांड के व्हिस्की दुकानों में नहीं मिलते, लेकिन 100 पाईपर, ब्लैक डॉग, मैक डोनाल्ड, टीचर जैसे लोकप्रिय ब्रांड जरुर मिल जाएंगे. लेकिन शिवाग, जॉनी वाकर, ब्लैक लेबल, एंटी-कुटी जैसे ब्रांड की शराब नहीं मिलेंगे. इसे भी पढ़ें - सासाराम">https://lagatar.in/sasaram-dispute-between-two-groups-of-students-over-not-allowing-cheating-in-matriculation-exam-one-student-shot-dead/">सासाराम
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