पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने वेदांता समूह का समर्थन किया, विकेरोय रिसर्च के दावों को बताया अविश्वसनीय

Lagatar Desk :  भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने वेदांता समूह और इसकी सहायक कंपनियों के खिलाफ अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर विकेरोय रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कानूनी राय दी है. वेदांता समूह की कंपनियों में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) शामिल है. वेदांता समूह ने 18 जुलाई को बांबे स्टॉक एक्सचेंज को जो जानकारी दी है, उसमें पूर्व सीजेआई की राय को शामिल किया है.  समूह ने एक्सचेंज को बताया है कि उसके काम भारतीय कानूनों और नियामक ढांचे के अनुरूप है.

 


विकेरोय रिसर्च ने 9 जुलाई 2025 को अपनी रिपोर्ट में वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (VRL) और इसकी सहायक कंपनी वेदांता लिमिटेड (VEDL) पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसने समूह पर 'पोंजी स्कीम' जैसी संरचना संचालित करने, अघोषित देनदारियों, वित्तीय इंजीनियरिंग और नकदी निकासी का आरोप लगाया था. इसके अलावा, विकेरोय ने दावा किया कि वेदांता की सेमीकंडक्टर सहायक कंपनी वेदांता सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड (VSPL) एक फर्जी इकाई है, जिसके जरिए 2,500 करोड़ रुपये का ऋण मदर कंपनी को वापस भेजा गया.

 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपनी राय में विकेरोय की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. विशेष रूप से इसके शोधकर्ताओं की योग्यता और अतीत को लेकर. उन्होंने बताया कि विकेरोय के शोधकर्ता, जैसे फ्रेजर पेरिंग, जो पहले यूके में सोशल वर्कर थे और जिन्हें प्रैक्टिस से प्रतिबंधित किया गया था और अन्य जिनके पास सत्यापित वित्तीय विशेषज्ञता नहीं है, की विश्वसनीयता संदिग्ध है. इसके अलावा उन्होंने विकेरोय के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में 3.7 मिलियन डॉलर का जुर्माना और 2023 में अमेरिका में एक मानहानि मुकदमे का हवाला दिया.

 

चंद्रचूड़ ने विकेरोय की रणनीति को 'शॉर्ट-एंड-डिस्टॉर्ट' करार दिया, जिसमें यह पहले शॉर्ट पोजीशन लेता है, फिर भड़काऊ और गलत रिपोर्ट प्रकाशित करता है और स्टॉक की कीमतों में गिरावट से लाभ कमाता है. उन्होंने इसकी टाइमिंग पर भी सवाल उठाया, क्योंकि यह वेदांता की रिफाइनेंसिंग और प्रस्तावित कॉरपोरेट डिमर्जर के समय आई, जो 22 अगस्त 2025 को एनसीएलटी के समक्ष लंबित है.

 

उनका कहना था कि वेदांता की सभी गतिविधियां सेबी के लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (LODR) नियमों, कंपनी अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप हैं. उन्होंने जोर दिया कि कोई भी नियामक या क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने वेदांता के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है.

 

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चंद्रचूड़ की राय की आलोचना की है, क्योंकि यह विकेरोय के वित्तीय दावों, जैसे ब्रांड फी व्यवस्था, सेरेंटिका निवेश और फुजैरा गोल्ड निर्यात जैसे लेनदेन की गहराई से जांच नहीं करती. विकेरोय ने जवाब में कहा कि चंद्रचूड़ की राय केवल प्रबंधन के बयानों पर आधारित है और वित्तीय अनियमितताओं के सबूतों को संबोधित नहीं करती.

 

वेदांता ने विकेरोय के दावों को 'बेबुनियाद' और 'दुर्भावनापूर्ण' करार देते हुए खारिज किया है और कहा है कि सभी लेनदेन पारदर्शी और कानूनी हैं. कंपनी ने हितधारकों से सत्यापित खुलासों और लेखापरीक्षित वित्तीय विवरणों पर भरोसा करने का आग्रह किया है.

 

पूर्व सीजेआई ने सुझाव दिया कि वेदांता भारतीय अदालतों में मानहानि के लिए कानूनी उपाय कर सकता है, विशेष रूप से 'पोंजी स्कीम' और 'पैरासाइट' जैसे शब्दों के उपयोग के लिए, जिन्होंने कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.

 

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