सुप्रीम कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि उसने कौन सा बड़ा अपराध किया है? क्या उसने हत्या की है? वह ड्रग माफिया या आतंकवादी नहीं है. वह NDPS एक्ट की अपराधी नहीं है. ऐसे मामलों में आप के पास कोई जांच प्रणाली या सॉफ्टवेयर होना चाहिए. उसने सब कुछ खो दिया है और अब उसे कहीं नौकरी नहीं मिलेगी. पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि जांच एजेंसी तथ्यों की जांच निष्पक्ष रूप से करे और खेडकर को जांच में पूरा अवसर दिया जाये.इसे भी पढ़ें : दुर्गा">https://lagatar.in/cm-hemant-remembered-durga-soren-on-his-death-anniversary-paid-tribute/">दुर्गा
सोरेन की पुण्यतिथि पर CM हेमंत ने दी श्रद्धांजलि, कहा-झारखंड आंदोलन के स्तंभ थे दादा जानें क्या है मामला महाराष्ट्र कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के दौरान अनुचित लाभ लेने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश किये. कहा गया कि उन्होंने ओबीसी और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया. इस प्रकरण में पुणे पुलिस ने मामला दर्ज किया था और खेडकर की गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनज़र उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. मामला जांच योग्य है, पर आरोपी को गिरफ्तारी से संरक्षण मिलना चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में गंभीरता के साथ विचार करते हुए कहा कि यह मामला जांच योग्य है, लेकिन आरोपी को गिरफ्तारी से संरक्षण मिलना चाहिए, जब तक वह जांच में सहयोग करती हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी दोहराया कि खेडकर का भविष्य पहले ही प्रभावित हो चुका है और ऐसे में उन्हें आत्मरक्षा का मौका मिलना चाहिए. इसे भी पढ़ें : SC">https://lagatar.in/sc-grants-interim-bail-to-professor-ali-khan-investigation-will-continue-order-to-form-sit/">SC
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