चार बेटों ने बूढ़ी मां को छोड़ा बेसहारा, घर से भी किया बेदखल

Lesliganj (Palamu) :  कहते हैं बुढ़ापा में बच्चे मां-बाप का सहारा होते हैं. परंतु कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बुढ़ापा आने पर अपने मां-बाप को घर भी नसीब नहीं होने देते. ऐसा ही एक मामला सामने आया है नीलांबर पीतांबरपुर प्रखंड के सीताडीह कुशवाहा टोला का. जहां एक वृद्ध महिला कुसंभरी देवी को उनके बच्चों एवं पति का सहारा नहीं मिल रहा है. महिला ने बताया कि उसके पति कैलाश महतो 10 साल से उसके साथ नहीं रह रहे हैं. वह पिछले 3 साल से दरबदर की ठोकरें खा रही है. गांव में ही महीना- 15 दिन किसी दूसरे के घर में रहती है. छोटा-मोटा काम करती है और किसी तरह से गुजारा करती है. अब गांव वाले भी उसे रखने को तैयार नहीं हैं. इसे भी पढ़ें - मोदी">https://lagatar.in/modi-government-brought-ordinance-the-tenure-of-ed-and-cbi-chief-will-now-be-of-five-years-not-two/">मोदी

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दूसरों के घरों में रहने के मजबूर है

यही कारण है कि घर में रहने की फरियाद लेकर वृद्ध महिला कुसंभरी देवी रविवार को लेस्लीगंज थाना पहुंची. उन्होंने बताया कि उनके चार पुत्र महेंद्र महतो, जितेंद्र महतो, उपेंद्र महतो तथा दिनेश महतो हैं. पति के नाम से कच्चा घर था, जिसे बड़ा लड़का महेंद्र महतो ने तोड़कर मकान बना लिया. उसमें अब बूढ़ी मां रहने नहीं देता है। छोटा बेटा के साथ वह रहती थी, परंतु वह भी तीन साल से पूर्णाडीह गांव में अपने एक रिश्तेदार के साथ रहने लगा है. तब से उसे अपना घर नसीब नहीं है. वह दूसरों के घरों में रहने के मजबूर है. मामले पर एएसआई रामनाथ मंडल ने संज्ञान लेते हुए वृद्ध महिला के बेटों को थाने में उपस्थित होने को कहा है. बताया कि इनके लड़कों को बुलाकर इन्हें इनका हक दिलाया जाएगा. इसे भी पढ़ें - किरीबुरु:">https://lagatar.in/kiriburu-distribution-of-blankets-to-needy-increased-cold-relief-due-to-rain/">किरीबुरु:

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