हजारीबाग : नियती ने छीन लिए पांव पर हौसलों से दिखा रहे दम

टाटीझरिया के दिव्यांग ऋषिकेश का डीसीसीआई में दस्तक झारखंड के लिए खेलने जा रहे राजस्थान, पॉलिथीन बेच पिता ने बेटे के हौसले को दी संजीवनी Suman Sinha Daru : दिव्यांग ऋषिकेश के साथ नियती ने भले ही क्रूर मजाक किया हो, लेकिन उसके हौसलों के पंख को उड़ान भरने से नहीं रोक पाया. कुदरत ने उसके एक पांव छिन लिए तो उन्होंने हाथों का दम दिखाया. बल्ला पकड़ जब वह पिच पर आते हैं, तो रनों की बौछार लगा देते हैं. अपने जज्बे की बदौलत गेंदबाजी भी कर लेते हैं. उनकी यही जिजीविषा ने उन्हें झारखंड की ओर से डीसीसीआई (भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद) तक पहुंचा दिया. अब वह झारखंड टीम की ओर से राजस्थान खेलने जा रहे हैं. उनके हौसलों को पंख लगाने में उनके पिता का भी कम योगदान नहीं है. गंदगी से पॉलिथीन चुन उसे बेचकर जीविकोपार्जन करनेवाले संजीत चौधरी ने अपने बेटे की प्रतिभा को कम नहीं होने दिया. क्रिकेट में ऋषिकेश की दिलचस्पी देख वह हमेशा उसे उस दिशा में बढ़ने के लिए हौसलों की संजीवनी देते रहे. इसे भी पढ़ें :धनबाद:">https://lagatar.in/dhanbad-cyclothon-one-try-on-national-sports-day-in-jharia/">धनबाद:

झरिया में राष्ट्रीय खेल दिवस पर ‘साइक्लोथॉन एक कोशिश’
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कोच गोपाल को भरोसा- नीली जर्सी में देश के लिए खेलेगा ऋषिकेश

‘शुभम संदेश’ से बातचीत में ऋषिकेश ने बताया कि उनकी राह आसान नहीं थी. गांव में जब बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना चाहते थे, तो उन्हें भगा दिया जाता था. एक बार मौका मिला, तो उनकी प्रतिभा देख सभी दंग रह गए. फिर उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के सभी कायल हो गए. उन पर कोच गोपाल की नजर पड़ी, तो उन्होंने अपनी एकेडेमी से उसे जोड़ उनकी ट्रेनिंग शुरू कर दी. आज ऋषिकेश झारखंड की टीम का एक बेहतरीन बल्लेबाज के साथ गेंदबाज भी है. कोच गोपाल कहते हैं कि वह दिन दूर नहीं जब ऋषिकेश नीली जर्सी में देश के लिए खेलेगा. कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा ऋषिकेश के पसंदीदा क्रिकेटर हैं. इसे भी पढ़ें :गोड्डा">https://lagatar.in/godda-a-crowd-of-fasting-women-gathered-at-the-river-ghat-on-suryahu-festival/">गोड्डा

: सूर्याहू पर्व पर नदी घाट पर उमड़ी व्रती महिलाओं की भीड़
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