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फैक्ट्री के प्रदूषण से बर्बाद हो रहे खेत
पूरा मामला दो स्पंज फैक्ट्री जगतारिणी और नरसिम्हा से जुड़ा हुआ है. इन दोनों फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण से आसपास के ग्रामीण और किसान बहुत परेशान हैं. इन फैक्ट्रियों से हो रहे प्रदूषण की शिकायत जिले के अधिकारियों के साथ-साथ कृषि मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री तक की गई है. कार्रवाई के तौर पर केवल एक बार प्रदूषण विभाग के अधिकारी खेतों को देखे और केवल आश्वासन देकर चले गये. शिकायत के एक माह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. फैक्ट्री के मालिक ऊंची पहुंच वाले बताये जाते हैं. दोनों दोस्तों ने उनसे कुछ मुआवजे की गुजारिश की तो उन्होंने कहा कि आप पूरे इलाके में टेंट लगवा लीजिए. हम कोई मुआवजा नहीं दे सकते. किसान और आसपास के गांव वाले यह आरोप लगाते हैं कि इन फैक्ट्रियों की चिमनियों में प्रदूषण को रोकने के लिए एक यंत्र होता है, जो फैक्ट्री वाले अधिक बिजली की खपत या अन्य कारणों से नहीं चलाते हैं. यही कारण है कि प्रदूषण लगातार फैलता जा रहा है. इसे भी पढें-जानें,">https://lagatar.in/learn-why-the-central-government-is-giving-a-loan-of-3454-crores-to-jharkhand/8428/">जानें,झारखंड को केंद्र सरकार क्यों दे रहा है 3454 करोड़ रुपए का कर्ज
अब तक नहीं हुई कार्रवाई
हजारीबाग में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय है. यहां के अधिकारी से इस बाबत जब पूछा गया तो वह कहते हैं कि कार्रवाई हो रही है और जल्द ही उन्हें नोटिस भेजा जायेगा. कहा कि उन्होंने स्थल निरीक्षण किया है और प्रदूषण की स्थिति देखा है, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है. ऐसे में कार्रवाई का अंदाजा लगाया जा सकता है. फैक्ट्री जगतारिणी के मैनेजर जितेंद्र महतो कहते हैं कि गांव की समिति को प्रदूषण के एवज में 30 से 35 हज़ार रुपया दिया जा रहा है. अब किसानों को कितना मुआवजा मिलेगा यह मालिकों पर निर्भर करता है. इसे भी पढें-किसानों">https://lagatar.in/state-government-will-waive-rs-2000-crore-loan-of-farmers/8031/">किसानोंका 2000 करोड़ रुपए कर्ज माफ करेगी राज्य सरकार-बादल पत्रलेख