हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक सेंटर का रिम्स पर सवा तीन करोड़ बकाया, 5 बार दिया रिमाइंडर

Ranchi: रिम्स के अधिकांश मरीजों को डायग्नोस्टिक जांच के लिए रिम्स में पीपीपी मोड पर संचालित हेल्थ मैप के भरोसे रहना पड़ता है. वहीं पैथोलॉजीकल जांच के लिए मरीज मेडॉल लैब के भरोसे रहते हैं. रिम्स की मशीनें अक्सर खराब रहती हैं. जिस कारण मरीजों का एकमात्र सहारा यही दो लैब है. लेकिन पिछले एक साल से रिम्स प्रबंधन के द्वारा रिम्स के रैन बसेरा के पास संचालित हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक सेंटर को सवा तीन करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है. इस वजह से 1 अक्टूबर से फ्री जांच की सेवा हेल्थ मैप ने बंद कर दी है. देखें वीडियो- https://www.youtube.com/watch?v=LKS-4EOcs_I

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alt="" width="600" height="400" /> फ्री जांच बंद होने से परेशान मरीज के परिजन[/caption]

पांच बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी नहीं खुली रिम्स प्रबंधन की नींद

बैंगलोर की कंपनी मणिपाल हेल्थ ने हेल्थ मैप के नाम से 2016 के नवंबर महीने में रिम्स में पीपीपी मोड पर रेडियोलॉजी जांच की सेवा शुरू की थी. यहां सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, इको और ईसीजी की जांच कम कीमतों पर होती है. वहीं रिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लाल कार्ड या एचओडी के द्वारा फ्री जांच लिख दिए जाने पर जांच के लिए पैसा नहीं देना पड़ता है. जबकि पुलिस केस में मामलों की भी फ्री में जांच होती थी. ऐसे में मरीजों के फ्री जांच का पैसा पिछले साल अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 तक का बकाया है. ये राशि सवा तीन करोड़ रुपए के करीब है. [caption id="attachment_163819" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/10/10.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> फ्री जांच बंद होने से परेशान मरीज के परिजन[/caption] इसे भी पढ़ें- केंद्रीय">https://lagatar.in/central-law-minister-kiren-rijiju-danced-pm-modi-tweeted-the-video/">केंद्रीय

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मणिपाल हेल्थ मैप ने 5 बार भेजा रिम्स प्रबंधन को रिमाइंडर

बकाए पैसे की भुगतान को लेकर मणिपाल हेल्थ मैप ने पांच बार रिम्स प्रबंधन और चिकित्सा अधीक्षक को पत्र के माध्यम से रिमाइंडर दिया. 5 मई, 18 मई, 7 जुलाई, 10 अगस्त और 15 सितंबर को निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक से बकाए पैसे का मांग किया. जब रिम्स प्रबंधन की नींद नहीं खुली तब जाकर 20 सितंबर को अंतिम पत्र लिखकर 01 अक्टूबर से फ्री में जांच करने से हाथ खड़े कर दिए. इसे भी पढ़ें-  एक">https://lagatar.in/interesting-story-of-a-terrorist-i-wanted-to-become-a-soldier-became-plfi-supremo-police-looking-for-new-picture-of-dinesh-gope/">एक

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केस स्टडी - बुंडू से आए राहुल राय के चाचा भरत राय मेडिसिन विभाग में डॉ सत्येंद्र सिंह की यूनिट में भर्ती हैं. चिकित्सक ने एचआरसीटी जांच के लिए कहा तो मरीज हेल्थ मैप आया, लेकिन यहां पर फ्री जांच बंद है. राहुल ने कहा कि अब इसी जांच के लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी. - साहिबगंज से आए सरीना खातून के परिजनों को एमआरआई जांच कराना था. मरीज सर्जरी विभाग में भर्ती है और चिकित्सक ने फ्री जांच लिखा है. लेकिन जांच के लिए आने बाद परिजनों को मालूम चला कि अब फ्री में जांच बंद कर दी गई है. सरीना के परिजन ने कहा कि मजदूरी कर घर चलाते हैं. अब जांच के लिए पैसा कहां से आएगा. यह नहीं मालूम. - कुछ ऐसी ही परेशानियों से आलम अंसारी भी गुजर रहे हैं. आलम अंसारी का 20 वर्षीय बेटा अमजद को किडनी में समस्या. इलाज रिम्स के मेडिसिन विभाग में चल रहा है. डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड और 2D इको कराने के लिए कहा है. रिम्स में अल्ट्रासाउंड की मशीन खराब है.  जांच के लिए आलम जब हेल्थ मैप पहुंचे तो उन्हें मालूम हुआ कि अब फ्री जांच नहीं होगी. परेशान आलम ने कहा कि बस ड्राइवर का काम करता हूं. 2 साल से काम भी छूट गया है. अब इलाज कैसे कराएंगे. ये समझ में नहीं आ रहा है. आलम खूंटी जिले के तपकरा के रहने वाले हैं. इसे भी पढ़ें- भाजपा">https://lagatar.in/bjp-kisan-morcha-takes-out-bullock-cart-procession-in-mudal-kisan-chaupal-also-organized/">भाजपा

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