Patna : बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गयी है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में भारी मात्रा में शराब बरामदगी को लेकर नीतीश सरकार और पुलिस-प्रशासन पर निशाना साधा है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार और प्रशासन पर कई सवाल दागे हैं. तेजस्वी ने कहा कि अगर 3 करोड़ लीटर से अधिक शराब बिहार में आने के बाद भी पुलिस दोषी नहीं है, तो फिर बिहार में तस्करी कौन कर रहा है? क्या इसका यह मतलब नहीं कि पुलिस भी इसमें लिप्त है?” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नाकामी को छिपाने की कोशिश की जा रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शराबबंदी कानून लागू करने में अगर पुलिस प्रशासन फेल हुई है. जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी मिली है, सरकार एक ऐसा अधिकारी बता दे, जिनपर कार्रवाई हुई है. कहा कि इस कानून को नीतीश सरकार ने एक टूल बना लिया है. इस कानून को सरकार ने भष्टाचार, वसूली और निर्दोषों को डराने धमकाने का जरिया बना लिया है. तेजस्वी ने आगे कहा कि आज कल फैशन हो गया है, अगर कोई नेता विरोधी दल सवाल पूछता है तो किसी भी पुलिस अधिकारी को बैठाकर जवाब दिलवा दिया जाता है. फिर सरकार में बैठे मंत्री और मुख्यमंत्री क्या करेंगे. वो क्यों चुप्पी साधे हुए हैं. उनको आकर जवाब देना चाहिए. लोकत्रंत के मंदिर में विपक्ष का काम सरकार को आईना दिखाना और उनकी कमियां उजागर करना होता है. कहा कि सदन में जवाब सरकार को देना होता है, लेकिन सरकार चुप रहती है. तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सदन में अनुपस्थिति पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस बार बजट सत्र में मैंने जितनी बार भाषण दिया, मुख्यमंत्री एक बार भी सामने नहीं आये. जब भी महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाते हैं, तो किसी अधिकारी को भेज दिया जाता है. सवाल उठाया कि नीतीश कुमार खुद सामने क्यों नहीं आते हैं. तेजस्वी ने सवाल उठाया कि अगर पटना में शराब उपलब्ध है, इसका मतलब यह है कि बॉर्डर पार करने के बाद चार-पांच जिला और 12 से 15 थानों को पार करके शराब यहां आयी. फिर भी ये पकड़े नहीं जाते हैं. आरोप लगाया कि जो अधिकारी जितना डीके टैक्स देता है, उनको उतना अधिक क्रीमी पोस्ट और सीमावर्ती जिला में पोस्टिंग मिलती है. https://twitter.com/AHindinews/status/1910984612030841087