- पूर्वजों को नयी फसल अर्पित करने के बाद ही करेंगे सेवन
मिट्टी के घड़ों में पानी रख कर बारिश की भविष्यवाणी की जायेगी
शाम में पाहन के द्वारा मिट्टी के दो घड़ों में पारंपरिक विधि विधान के साथ सरना स्थल में पानी रखा जायेगा. इसे देख कर सुबह में बारिश की भविष्यवाणी की जाएगी. रांची विश्वविद्यालय के प्रो बिरेद्र सोय ने बताया कि सरना स्थल के मौजा में आने वाले गांवों में कोटवार के माध्यम से गांव में हकवा दी जाती है कि खेतो में कुदाल और हल नही चलायें. इस दिन को सूर्य और धरती के बीच विवाह के रूप में देखा जाता है. सखुवा फूल को सभी फूलों में श्रेष्ठ माना जाता है. इसलिए सखुआ फूल नये साल में पूर्वज और सरना स्थलों में अर्पित किये जाते हैं. इसे भी पढ़ें – रांची">https://lagatar.in/fire-in-power-transformer-near-kalyan-jewelers-in-main-road/">रांची: मेन रोड में कल्याण ज्वेलर्स के पास बिजली ट्रांसफार्मर में लगी आग [wpse_comments_template]