आम सहमति की भावना प्रबल हो, इसलिए इंडिया गठबंधन ने मत विभाजन पर जोर नहीं दिया : कांग्रेस

  NewDelhi :  कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों ने लोकसभा में अध्यक्ष के चुनाव के दौरान मत विभाजन पर जोर नहीं दिया ताकि आम सहमति और सहयोग की भावना प्रबल हो. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने साथ ही यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में इसी भावना की कमी है.                                                                                    ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/#google_vignette">

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इंडिया गठबंधन के घटक दल मत विभाजन के लिए जोर दे सकते थे

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया. वह दूसरी बार इस उत्तरदायित्व को संभाल रहे हैं. रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कोडिकुन्निल सुरेश के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया. ध्वनि मत से चुनाव कराया गया. उन्होंने कहा, इसके बाद, इंडिया गठबंधन के घटक दल मत विभाजन के लिए जोर दे सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वे चाहते थे कि आम सहमति और सहयोग की भावना प्रबल हो, जिसका प्रधानमंत्री और राजग के कार्यों में स्पष्ट रूप से अभाव होता है. [wpse_comments_template]