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हजारों सालों से परंपरा का निर्वाह
इस मौके पर समाजसेवी बुधन सिंह बानरा शिवा बानरा, नारान बेसरा, मानू हांसदा ने कहा कि आदिवासियों में ऐसी वर्षों पुरानी मान्यता है कि शिकार पर्व के बाद पहाड़ देवता को खुश करने के लिये सिंगराय नृत्य का आयोजन होता है. ऐसा करने से गांव में खुशहाली आती है. यहां हर साल मेला लगता है. इस परंपरा का आदिवासी हजारों सालों से निर्वाह करते आ रहे हैं. इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jamshedpur-after-fathers-rebuke-teenager-commits-suicide-by-hanging/">जमशेदपुर:पिता की फटकार के बाद किशोरी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या [wpse_comments_template]