: परिवहन विभाग द्वारा चलाया गया सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान
ये पैनलिस्ट थे वक्ता के रूप में उपस्थित
1. आराधना खेतान- संस्थापक और प्रबंध निदेशक, मान्या एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड 2. अनुरंजिता कुमार- सह-संस्थापक और सीईओ, वी-ऐस 3. मास्टरशेफ शिप्रा खन्ना, भारतीय सेलिब्रिटी शेफ, लेखक, रेस्टोरेंट मालिक, टीवी पर्सनैलिटी 4. शालिनी पिल्ले- ऑफिस मैनेजिंग पार्टनर, बैंगलोर व इंडिया लीडर- ग्लोबल क्षमता केंद्र, केपीएमजी इंडिया 5. टीना के. स्टीफन- एक्सएलआरआई इसे भी पढ़ें : साहिबगंज">https://lagatar.in/sahibganj-congressmen-staged-a-sit-in-in-front-of-the-gandhi-statue-shouting-slogans-against-the-modi-government/">साहिबगंज: गांधी प्रतिमा के समक्ष कांग्रेसियों ने दिया धरना, मोदी सरकार के ख़िलाफ़ की नारेबाज़ी
सही समय पर सही चीजों को करने का अपना एक तरीका होता है
alt="" width="903" height="518" /> वक्ता के रूप में अनुरंजिता कुमार और शालिनी पिल्ले ने अपनी सफलता की कहानियां बयां की. उन्होंने कहा कि वे अपने जीवनसाथी की मदद से भी काफी कुछ समझते हैं. आराधना खेतान ने कहा कि समाज में प्रतिबंधात्मक विचारों और विचारों के आधार पर महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए यह जरूरी है कि आप खुद पर संयम रखें. उन्होंने व्यवसाय शुरू करने में आने वाली चुनौतियों के साथ ही आगे आने वाली कठिनाइयों से जुड़ी बातों से भी सभी को अवगत कराया. उन्होंने सलाह दी कि अज्ञात परिणामों की चिंता या भय के बिना आगे बढ़ा जा सकता है. समय पर सही चीजों को करना महत्वपूर्ण है. शालिनी ने कॉर्पोरेट सीढ़ी पर उच्च महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया बताया बताया कि कैसे उन्हें कभी-कभी उनके सवालों के अधीन किया जाता है. उन्होंने सलाह दी कि चीजें मुश्किल होने पर भी खुद पर विश्वास करना बंद न करें. आगे का रास्ता संकरा लेकिन साफ हो जाता है. ऐसी स्थितियों में एक-दूसरे की मदद करने और उन पर भरोसा करने में सक्षम होने के लिए एक बेहतर भविष्य के लीडर का पोषण करना महत्वपूर्ण है. अनुरंजिता ने कहा कि अनुरंजिता ने इस बात पर बल दिया कि प्यार, सम्मान और सुरक्षा एक महिला की सोच के साथ ही उनकी आउटपुट को भी बढ़ा सकता है. महिलाओं में असफलता का डर बहुत अधिक होता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिन्हें उच्च पदों पर पदोन्नत किया जाता है. महिलाओं में आत्मसंदेह और आत्म आलोचना जन्मजात होती है, क्योंकि महिलाएं युवावस्था में सामाजिक रूप से एक अजीब माहौल में जीने की आदी हो जाती हैं. एक आदर्श महिला के बारे में किसी और का नजरिया अलग होता है. शेफ शिप्रा खन्ना ने खुद पर विश्वास करने के महत्व को दोहराया, खासकर एक बार जब आप सफल होते हैं. उन्होंने बताया कि पुरुष-प्रधान फूड इंडस्ट्री को चलाना जब इतना मुश्किल होता है तो उस स्थिति में महिलाएं जब इस इंडस्ट्री में आगे बढ़ती हैं तो इस उद्योग में करियर हमेशा मुश्किल होता है क्योंकि महिलाओं को अक्सर घर में खाना बनाते हुए देखा जाता है जबकि वहीं अगर उद्योग की बात आ जाती है तो उस स्थिति में पुरुष की प्रोफेशनल कुक के तौर पर सामने आते हैं. [wpse_comments_template]