जमशेदपुर : पर्वतारोहण मेरे रग-रग में है – अस्मिता दोराजी

Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : पर्वतारोहण मेरे रग रग में है, उक्त बातें जमशेदपुर निवासी एवं टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) की वरिष्ठ प्रशिक्षक व पर्वतारोही अस्मिता दोरजी ने जेआरडी स्पोर्ट्स कंपलेक्स में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कही. दोराजी ने कहा कि शेरपा परिवार से होने के कारण जोखिम लेने की प्रवृति बचपन से हमारे अंदर है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डर तो लगता है लेकिन सामने लक्ष्य को प्राप्त करने का जज्बा हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करता है. यह माउंट एवरेस्ट समिट काफी कठिन और रोमांच से भरपूर था. दोराजी ने बताया कि समिट 45 में पूरा हुआ. दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुंच कर अपने लक्ष्य के पूरा होने पर लगा जैसै दुनिया की तमाम खुशी मिल गई. उस पल मिलने वाली खुशी के एहसास को शब्दों में बयान  नहीं कर सकती. इस पूरे समिट में टीएसएएफ, परिवार एवं ससुराल का पूरा समर्थन एवं सहयोग मिला. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-anant-agarwal-of-parsudih-is-missing-since-two-days/">जमशेदपुर

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अब तक 11 पर्वतारोहियों को मिला है सहयोग

[caption id="attachment_653183" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/05/ashmita_763.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> प्रेस वार्ता में संबोधित करते हुए अस्मिता व अन्य[/caption] वहीं प्रेस वार्ता में उपस्थित टाटा स्टील के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने अस्मिता दोराजी के सफलता पूर्वक माउंट एवरेस्ट के फतह करने पर उन्हें बधाई दी. उन्होंने कहा कि कुछ नायाब करने वाले लोगों को टाटा स्टील द्वारा पूरा समर्थन किया जाता है. बशर्ते की वे टाटा स्टील के नियमों का पूर्ण रुप से पालन करें. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अस्मिता को लेकर अब तक 11 पर्वतारोहियों को माउंट एवरेस्ट के समिट कार्यक्रम के लिए सहयोग किया जा चुका है. इस अवसर अस्मिता के पति वर्ण शर्मा, टाटा स्टील स्पोर्ट्स हेड हेंमत गुप्ता, हसन इमाम सहित अन्य लोग उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-life-imprisonment-to-two-people-in-two-separate-murder-cases/">चाईबासा

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अस्मिता दोराजी एक परिचय

नेपाल में एवरेस्ट के तराई क्षेत्र के थेसू गांव में स्वर्गीय एलडी शेरपा एवं अंग दोराजी शेरपा के परिवार में जन्मी अस्मिता चार भाई बहनों में द्वितीय संतान है. अस्मिता के पिता अंग दोराजी भी एक शेरपा पर्वतारोही थे. उन्होंने 1984 में बछेंद्री पाल के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी. वर्तमान में अस्मिता टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) में सीनियर इंस्ट्रक्टर के तौर पर कार्यरत हैं. पर्वतारोहण अभियानों के लिए उन्हें टीएसएएफ द्वारा प्रशिक्षित और समर्थित किया गया. इसे भी पढ़ें : चांडिल">https://lagatar.in/chandil-aiutuc-and-aikkms-supported-the-labor-movement/">चांडिल

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26000 फीट तक नहीं लिया ऑक्सीजन सप्लीमेंट

झारखंड के टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की अस्मिता दोरजी ने एवरेस्ट फतह किया है. 23 मई को अपने साहस के परिचय देते हुए अस्मिता दोरजी ने सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर अपने शेरपा लखपानुरु के साथ इस चोटी पर फतह पाई. उन्होंने एवरेस्ट की शिखर पर पहुंच कर भारतीय तिरंगा और टाटा स्टील का झंडा फहराया. अस्मिता दोरजी वर्ष 2022 में भी बिना ऑक्सीजन स्पलीमेंट के एवरेस्ट अभियान पर गयी थीं. उस वक्त अपनी मंजिल से मात्र 100 मीटर की दूरी पर अस्मिता दोरजी बेहोश होकर गिर गयी थीं और उनका अभियान बीच में ही छूट गया था. अस्तिमा ने अक्तूबर 2022 में नेपाल में स्थित दुनिया के आठवें सबसे ऊंचे पर्वत मनास्लु (8163) को फतह कर इतिहास रचा था. कदमा लिंक रोड निवासी अस्मिता दोरजी ने बिना ऑक्सीजन सप्लीमेंट के एवरेस्ट अभियान में जाने से पहले काफी कठिन ट्रेनिंग ली. [wpse_comments_template]