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88 ग्राम चौपाल मद में 3.28 करोड़ की हुई है निकासी
प्राक्कलन के आधार पर ग्राम चौपाल का निर्माण कराया जाना था. लेकिन ग्राम चौपाल का स्वरूप बदलकर हरि मंदिर का निर्माण करा दिया गया. वितीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कूल 88 ग्राम चौपाल मद में 3 करोड़ 28 लाख रुपया विमुक्त किया गया है. लेकिन उक्त राशि से ग्राम चौपाल की जगह पूरे जिले में हरि मंदिर का निर्माण करा दिया गया है. सांसद निधि की मार्गदर्शिका में स्वीकृत योजना का स्वरूप अथवा नाम नहीं बदला जा सकता है. लेकिन प्राक्कलन में चौपाल निर्माण कराए जाने का जिक्र होते हुए सांसद ने हरि मंदिर का निर्माण करा दिया. इसे भी पढ़ें : सरायकेला">https://lagatar.in/seraikela-review-meeting-of-pm-awas-yojana-held-in-panchayat-bhawan/">सरायकेला: पंचायत भवन में पीएम आवास योजना की हुई समीक्षा बैठक
चौपाल निर्माण करने वाली एजेंसी पर खड़े हुए सवाल
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश महतो ने बताया कि सांसद निधि की राशि से वितीय वर्ष वितीय वर्ष 2016-17 में 58 ग्राम चौपाल का निर्माण एनआरईपी ने कराया है. जबकि 30 ग्राम चौपाल का निर्माण आरडीएसडी एजेंसी ने कराया है. जबकि धरातल पर एक भी ग्राम चौपाल का निर्माण नहीं हुआ है. उसकी जगह हरि मंदिर का निर्माण करा दिया गया है. दिनेश महतो ने कार्यकारी एजेंसी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब एजेंसी को विमुक्त की गई राशि एवं वर्क ऑर्डर में ग्राम चौपाल का जिक्र है. ऐसे में कार्यकारी एजेंसी के द्वारा हरि मंदिर का निर्माण कराया जाना उसकी की मंशा पर सवाल खड़े करता है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-inauguration-of-restroom-for-drivers-in-tube-division/">जमशेदपुर: ट्यूब डिवीजन में चालकों के लिए रेस्टरूम का किया गया उद्घाटन