नियोजन और विस्थापन नीति अविलंब बनाये झारखंड सरकार : सीपीआई

Ranchi : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि झारखंड गठन के 22 साल हो गए, लेकिन अभी तक ना तो नियोजन नीति बनी और ना ही विस्थापन नीति. किसानों की जमीन औने पौने भाव में लूटी जा रही है. झारखंड गठन के बाद सबसे ज्यादा राज भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने किया. राज्य में शिबू सोरेन, मधु कोड़ा से लेकर हेमंत सोरेन तक की सरकार रही.  लेकिन आज तक विस्थापन एवं नियोजन नीति नहीं बन पायी.

सर्वदलीय बैठक कर एक कट ऑफ डेट तय किया जाए

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में हर हाल में तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की बहाली में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. लेकिन खतियान के नाम पर कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. सरकार भी उलझी हुई है. इसलिए सर्वदलीय बैठक बुलाकर एक कट ऑफ डेट तय किया जाए.

संयुक्त बैठक कर एक सुझाव सरकार को जरूर भेजेंगे

श्री मेहता ने कहा - मैं खुद पहल करूंगा और धर्मनिरपेक्ष दलों एवं सामाजिक संगठनों की संयुक्त बैठक कर एक सुझाव सरकार को जरूर भेजेंगे.  उन्होंने कहा कि आज भी राज्य में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 लागू नहीं हुआ. अंग्रेज के जमाने के बनाए गए 1894 की भूमि अर्जन कानून पर सरकार काम कर रही है. राज्य में अविलंब भूमि अधिग्रहण कानून को लागू कर विस्थापितों को न्याय दिया जाए. साथ ही विस्थापन आयोग का गठन एवं नियोजन नीति बनाकर सरकार झारखंडियों के साथ न्याय करे. 2 साल बीत जाने के बावजूद आज भी हेमंत सरकार इस पर पहल नहीं कर रही. संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय परिषद के सदस्य केडी सिंह, सहायक राज्य सचिव महेंद्र पाठक, राज्य परिषद के सदस्य अजय कुमार सिंह, राष्ट्रीय परिषद के सदस्य इंद्रमणि देवी मौजूद थे. इसे भी पढ़ें – लातेहार">https://lagatar.in/latehar-negotiations-failed-between-displaced-villagers-and-transport-company-personnel-in-ara/">लातेहार

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