alt="" width="600" height="400" /> गौरतलब है कि राकेश पांडेय ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि डीजीपी के गोपनीय शाखा और पुलिस मुख्यालय में तैनात उनके करीबी अधिकारी ट्रांसफर और पोस्टिंग में अनियमितता बरत रहे हैं. एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि राकेश कुमार पांडेय को महासंघ की ओर से सोशल मीडिया या प्रेस के माध्यम से किसी भी प्रकार की विज्ञप्ति जारी करने की अनुमति नहीं दी गई थी. उनके द्वारा बिना पूर्व अनुमति के प्रेस विज्ञप्ति और वीडियो जारी करने के मामले में संघ की ओर से अलग से कार्रवाई की जा रही है. एसोसिएशन के संविधान की धारा-15 के अनुसार, "झारखंड पुलिस एसोसिएशन से संबंधित कोई भी आधिकारिक वक्तव्य, प्रेस विज्ञप्ति या संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने का अधिकार केवल अध्यक्ष और महामंत्री को ही है." एसोसिएशन ने मीडिया से अपील की है कि वह ऐसे व्यक्तिगत बयानों को संघ का आधिकारिक रुख न माने. इसे भी पढ़ें - JSSC-CGL">https://lagatar.in/jssc-cgl-paper-leak-cid-court-refuses-to-grant-bail-to-krishna-snehi/">JSSC-CGL
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