Ranchi : झारखंड पुलिस को एसआरई (सुरक्षा संबंधी व्यय) फंड के तहत 125.54 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति के विरुद्ध 76.16 करोड़ मिले. गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. यह राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मिली है. एसआरई फंड उग्रवाद से गंभीर रूप से प्रभावित राज्यों को दिया जाता है. केंद्र सरकार राज्य सरकारों को उनके पुलिस बलों को पूरी तरह से आधुनिक बनाने और उन्हें आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
एसआरई फंड से होने वाले कार्य :
- – उग्रवादी हिंसा में मारे गये नागरिकों और सुरक्षा बलों के परिवारों को मुआवजा भुगतान.
- – आत्मसमर्पण करनेवाले नक्सलियों को मुआवजा.
- – एक सुदृढ़ पुलिस स्टेशन का निर्माण.
- – नागरिक कार्रवाई कार्यक्रम के तहत उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़कों का निर्माण.
- – नक्सल विरोधी अभियानों के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराना.
- – चार पहिया और दो पहिया वाहनों की खरीदारी.
- – उग्रवाद प्रभावित राज्यों में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती.
झारखंड के 19 जिलों को पहले मिलता था स्पेशल रीजन एक्सपेंडिचर
नक्सली हिंसा को देखते हुए झारखंड के 19 जिलों को पहले स्पेशल रीजन एक्सपेंडिचर फंड मिलता था. लेकिन केंद्र सरकार ने धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग और पलामू को स्पेशल रीजन एक्सपेंडिचर से बाहर करने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार के आग्रह सरायकेला, खूंटी और रांची को एसआरई रीजन में रखने का निर्णय लिया है. जिनमें से रांची, बोकारो, गढ़वा, सरायकेला-खरसावां, चतरा और खूंटी को मॉनिटरिंग में रखा गया है. वहीं गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम को स्पेशल रीजन एक्सपेंडिचर फंड जारी करने का निर्णय लिया गया है.