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राजा विराट ने की थी कौलेश्वरी माता मंदिर की स्थापना, अर्जुन के पुत्र का हुआ था विवाह
पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल के दौरान यहां राजा विराट की राजधानी थी. राजा विराट ने माता कौलेश्वरी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू की थी. उसी वक्त से कौलेश्वरी माता स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ है. बौद्ध धर्म के लिए के लिए यह पहाड़ भगवान बुद्ध की तपोभूमि के साथ मोक्ष प्राप्त करने का भी स्थल है. पहाड़ी पर बौद्ध भिक्षुओं की कई प्रतिमाएं उकेरी हुई हैं. मान्यता यह भी है कि मंदिर से सटे मंडवा मंडई में धनुर्धर अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु का विवाह राजा विराट की पुत्री उत्तरा से हुई थी.कौलेश्वरी पहाड़ी के शिव मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं को कुछ भी ले जाने की जरूरत नहीं है. मंदिर के आसपास ही पूजा के सभी सामान उपलब्ध हो जाते हैं. मंदिर प्रांगण में ही फूल, बेलपत्र और जल उपलब्ध हैं.श्रद्धालु ऐसे पहुंच सकते हैं कौलेश्वरी मंदिर
चतरा जिला स्थित हंटरगंज प्रखंड मुख्यालय के दक्षिण पश्चिम की ओर कौलेश्वरी मंदिर 10 किलोमीटर दूर 1575 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है. यह धार्मिक पर्यटन स्थल चतरा जिले से 25 किलोमीटर, हजारीबाग से 85 किलोमीटर, रांची से 185 और गया से 75 किलोमीटर दूर स्थित है. सड़क मार्ग से जीटी रोड पर डोभी से घंघरी तथा दंतार मुड़कर अथवा घंघरी से सीधे मां कौलेश्वरी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है.alt="" width="1280" height="960" />
हजारीबाग का ऐसा शिवालय जहां भोलेनाथ को चढ़ता है खीर का भोग
शिवपुरी के प्राचीन शिव मंदिर में सावन के हर दिन जुटते रहे भक्त, गुलजार रहा धार्मिक स्थल Hazaribagh : हजारीबाग शहर का एक ऐसा शिवालय है, जहां भोलेनाथ को खीर, मिठाई और फल का भोग चढ़ाया जाता है. शहर के पश्चिमी शिवपुरी स्थित शिवालय में हर दिल श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा-अर्चना के लिए उमड़ती रही है. शिवपुरी के पंचायत भवन के समीप अवस्थित श्री मालकालेश्वर नाथ सार्वजनिक शिव मंदिर का निर्माण 30 जून 1995 को हुआ था. यहां के पुरोहित देवशरण पांडेय, आनंद पांडेय और यजमान ने संयुक्त रूप से बताया कि श्रावण मास में प्रतिदिन यहां खीर, फल और मिठाई का भोग लगाया जाता है. प्रतिदिन दो सौ से अधिक श्रद्धालु यहां उपस्थित होकर बाबा भोलेनाथ की आराधना करते हैं और प्रसाद पाते हैं. इस मंदिर परिसर में भगवान शिव परिवार के अलावा वीर बजरंग बली की प्रतिमा और मंदिर विराजमान है. और यहां का नजारा अलौकिक लगता है. श्रद्धालुओं की आस्था है कि यहां निष्छल मन से मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है. मंदिर के अध्यक्ष संतोष कुमार, मंदिर के पूर्व अध्यक्ष राजीव प्रताप और मंदिर के कोषाध्यक्ष शशि कुमार भारती सहित मंदिर के सक्रिय सदस्य संजीव कुमार सिन्हा, सुजीत सोनी, टिंकू, अरुण, सुनील चौधरी, रोहित देव, लाली सहित समस्त शिवपुरिवासी अन्य लोग मंदिर प्रबंधन में जुटे रहते हैं. भक्तों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखते हैं. इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-honorary-doctorate-to-minister-champai-soren-gold-medal-to-21-students-silver-to-16-at-the-convocation-of-netaji-subhash-university-ii/">जमशेदपुर: नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी द्वितीय के दीक्षांत समारोह में मंत्री चंपई सोरेन को डॉक्टरेट की मानद उपाधि, 21 छात्रों को गोल्ड मेडल, 16 को सिल्वर