केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, लगाई गुहार, दिल्ली का बजट न रोकें

NewDelhi : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली का बजट नहीं रोकने का अनुरोध किये जाने की खबर है. जान लें कि केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के बीच जारी विवाद की पृष्ठभूमि में केजरीवाल ने यह पत्र लिखा है. केंद्र सरकार ने दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट को पेश करने पर रोक लगा दी है. इसे भी पढ़ें : केजरीवाल">https://lagatar.in/home-ministrys-ban-on-kejriwal-governments-budget-budget-will-not-be-presented-today/">केजरीवाल

सरकार के बजट पर गृह मंत्रालय की रोक, आज पेश नहीं हो पायेगा बजट

केजरीवाल का  केंद्र पर सीधे-सीधे गुंडागर्दी करने का आरोप  

एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में केजरीवाल ने सोमवार को केंद्र पर सीधे-सीधे गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक सरकार के बजट पर रोक लगा दी गयी है. आप ने इसका एक वीडियो सोशल मीडिया मंच ट्विटर पर साझा किया. दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार के बजट पर रोक लगा दी है. इसे मंगलवार को विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकेगा. इसे भी पढ़ें : बाइडन">https://lagatar.in/biden-administration-urges-india-to-fulfill-its-obligations-in-cases-of-human-rights-violations/">बाइडन

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आप दिल्ली वालों से क्यों खफा हैं? दिल्ली का बजट मत रोकिए

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा, पिछले 75 साल में यह पहली बार है जब किसी राज्य का बजट रोक दिया गया है. आप दिल्ली वालों से क्यों खफा हैं? दिल्ली का बजट मत रोकिए. हाथ जोड़कर दिल्लीवासी आपसे बजट पास करने की अपील करते हैं. केजरीवाल द्वारा केंद्र की आलोचना किये जाने के बाद गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने आप सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि उसके बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए अधिक आवंटन है और बुनियादी ढांचे तथा अन्य विकास पहलों के लिए अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित की गयी है.

कुल बजट 78,800 करोड़ रुपये का है

मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, आप सरकार ने अब तक हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया है. आप सरकार के सूत्रों ने आरोपों को झूठ बताया है. उन्होंने दावा किया कि कुल बजट 78,800 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए हैं और सिर्फ 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों के लिए निर्धारित किये गये हैं. [wpse_comments_template]