सारंडा के आदिवासियों के तन पर कपड़ा व पैरों में चप्पल नहीं : तिरिया
यहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली बार जेल से चुनाव लड़े थे. अब आपकी समस्याओं व विकास कार्य के लिये, विभिन्न खदानों से शोषित मजदूर भाइयों, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि के लिये लड़ाई व संघर्ष निरंतर कर रहे हैं. सारंडा के आदिवासियों के तन पर कपड़ा व पैरों में चप्पल नहीं है. बड़ी राजनीतिक पार्टियों के नेता पांच साल में एक बार आपके बीच आते हैं. ऐसे जनप्रतिनिधि व नेता एक-एक बूथ पर एक-एक करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. अगर यहीं पैसा जनता की समस्याओं का समाधान पर खर्च होता तो आज ये हालात नहीं रहते.सांसद, विधायक लोगों का जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं बनवा पा रहे : तिरिया
मान सिंह तिरिया ने कहा कि हमारे सांसद, विधायक लोगों का जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं बनवा पा रहे हैं. यह विधानसभा क्षेत्र सबसे धनी व संपदाओं से भरा है लेकिन राष्ट्रीय पार्टियां पूंजीपतियों की दलाल बनी हुई हैं. लोगों को चलने के लिये सड़क, पीने का पानी, इलाज के लिए अस्पताल नहीं है. अगर विकास चाहिये तो हमें एक बार मौका दें. उन्होंने कहा कि खदान प्रबंधनों व पूंजीपतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर हमें थाना में बैठा दिया जाता है, दलालों को खड़ाकर मारपीट कराई जाती है.हम मजदूर व किसानों के हक व अधिकार की लड़ाई लड़ रहे : तिरिया
उन्होंने कहा कि हम मजदूर व किसानों के हक व अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. बाकी प्रत्याशी पूंजीपतियों के दलाल हैं. इनके पास जो भीड़ आती है वह पैसों व वाहनों को भेज बुलाई जाती है. जबकि हमारे साथ जो भीड़ होती है वह अपने घर से पैसा व खाना लेकर आती है. हम वोट लेने के लिये पैसा नहीं बांटते बल्कि लोगों से चंद रुपये का सहयोग मांग जनता की सेवा व आंदोलन करते हैं. इसे भी पढ़ें : अखिलेश">https://lagatar.in/akhilesh-attacked-yogi-adityanath-said-the-countdown-of-those-who-did-the-encounter-has-started/">अखिलेशने योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला, कहा, एनकाउंटर करने वालों का काउंटडाउन शुरू हो गया है [wpse_comments_template]