जानें झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज परीक्षा रूल्स-2021 में क्या है खास

Vinit Upadhyay Ranchi :  झारखंड कैबिनेट ने जेपीएससी की नयी नियमावली को मंजूरी दे दी है . झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज परीक्षा रूल्स-2021’ के नाम से बनी इस नियमावली से उम्मीद की जा रही है कि अब झारखंड में जेपीएससी सूचारू रूप से अपना काम करेगी. इससे पहले छठी जेपीएससी में उभरे कानूनी विवाद को भी सुलझाने का प्रयास किया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि 1951 के बाद जेपीएससी की नियमावली बनी है और अब इसी के तहत परीक्षाएँ आयोजित होंगी और झारखंड के युवाओं को नौकरियाँ मिलेंगी. इसे भी पढ़ें -रांची">https://lagatar.in/cnt-land-robbery-continues-in-ranchi-a-poor-munda-pleading-under-abu-raj/16409/">रांची

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आइए देखते हैं कि क्या खास है इस नियमावली में

झारखंड लोक सेवा आयोग हर वर्ष सेवा परीक्षा आयोजित करेगा. सभी 15 तरह की परीक्षाओं के लिए एक समान उम्र औऱ योग्यता रखी गयी है. उम्र की सीमा न्यूनतम 21 और अधिकतम 35 रखी गयी है जबकि शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएट है. आरक्षण के आधार पर उम्र सीमा में छूट दी जाएगी. तीन साल तक सरकारी नौकरी में रह चुके लोगों को उम्र सीमा में छूट मिलेगी. परीक्षा में सम्मिलित होने की कोई निर्धारित सीमा नहीं, यानी अब निर्धारित आयु तक जितनी बार भी चाहें परीक्षा दे सकते हैं. दो या दो से अधिक शादी करने वाले परीक्षा में नहीं शामिल हो सकते हैं. कुल पदों के 15 गुणा अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा. आरक्षित वर्ग की संख्या 15 गुणा नहीं पहुंचने पर इसे 8 गुणा तक कम किया जा सकता है . अनारक्षित वर्ग के लिए कट ऑफ मार्क्स तय किया जायेगा. आरक्षित कोटे के अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग के समान अंक आने पर वे अनारक्षित कोटे में जा सकते हैं. लेकिन सेवा आबंटन में पसंदीदा पद नहीं मिलने पर वे आरक्षित कोटे में वापस जा सकते हैं भाषा के अंक यानी हिंदी और अंग्रेजी के अंक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जायेंगे. सीटों की संख्या के हिसाब से ढाई गुणा उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा. हालांकि एक विवादित मुद्दे यानि पीटी में आरक्षण का कोई जिक्र नहीं किया गया है.

आरक्षित कोटे के अभ्यार्थियों को माइग्रेशन ऑफ सर्विस की च्वाइस

नये नियम के अंतर्गत आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की संख्या 15 गुना पूरा करने के लिए अनारक्षित वर्ग के चयनित अंतिम उम्मीदवार के अंक से अधिकतम आठ प्रतिशत तक नीचे जाने का प्रावधान है. आरक्षित वर्ग को अनारक्षित वर्ग से वापस आरक्षित वर्ग में आने की सुविधा दी गयी है.

न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष और शैक्षणिक योग्यता स्नातक निर्धारित किया गया है

कैबिनेट द्वारा मंजूर किये गये झारखंड सिविल सर्विसेज रूल्स के प्रावधानों के तहत ही परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी. नयी नियमावली में परीक्षार्थियों की न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष और शैक्षणिक योग्यता स्नातक निर्धारित है. नयी नियमावली में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की संख्या 15 गुना करने का प्रावधान किया गया है. सामान्य प्रक्रिया के तहत आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की संख्या 15 गुना नहीं हो, तो अनारक्षित वर्ग के चयनित अंतिम उम्मीदवार को मिले अंक से आठ प्रतिशत तक घटाकर आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की संख्या 15 गुना कर दी जायेगी. किसी भी परिस्थिति में यह आठ प्रतिशत से कम नहीं किया जा सकता. इसे भी पढ़ें -हजारीबाग:">https://lagatar.in/hazaribagh-cid-begins-investigation-into-famous-maheshwari-family-scandal/16500/">हजारीबाग:

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भाषा के अकं को मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जायेगा

सर्विस आवंटन में हुए विवाद को सुलझाने के लिए यह प्रावधान किया गया है कि साक्षात्कार के बाद तैयार अंतिम परिणाम में अनारक्षित वर्ग के लिए एक कट ऑफ मार्क्स निर्धारित किया जायेगा. एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग का कोई उम्मीदवार अनारक्षित वर्ग के बराबर नंबर लाता है, तो वह अनारक्षित वर्ग में चला जायेगा. लेकिन, अनारक्षित वर्ग में जाने के बाद अगर उसे मनपसंद सेवा नहीं मिलती है, तो वह फिर से आरक्षित वर्ग में जा सकेगा. मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए ढाई गुना उम्मीदवारों को आमंत्रित किया जायेगा. भाषा की परीक्षा में मिले अंक को मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जायेगा. सिविल सेवा परीक्षा में रिजर्व केटेगरी के अभ्यार्थी अगर कट ऑफ मार्क्स के आधार पर अनारक्षित कोटे की मेरिट लिस्ट में आते हैं, तब भी उन्हें माइग्रेशन ऑफ सर्विस के तहत रिजर्व केटेगरी में रखी गयी च्वाइस सर्विस ही मिलेगी. इसे भी पढ़ें -लातेहार">https://lagatar.in/latehar-deputy-commissioner-inspected-the-colliery-recovered-98-thousand-penalty-from-vehicles/16497/">लातेहार

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च्वाइस के आधार पर प्रशासनिक सेवा ही मिलेगी

यानी आरक्षित कोटे के अभ्यर्थी प्राप्तांक के आधार पर अगर प्रशासनिक सेवा में चयनित हो रहे हैं, लेकिन सामान्य वर्ग के कट ऑफ मार्क्स के कारण उनका नाम अनारक्षित कोटे की मेरिट लिस्ट में आने पर नीचे की सर्विस मिलती है, तो उन्हें रिजर्व केटेगरी में अपनी च्वाइस के आधार पर प्रशासनिक सेवा ही मिलेगी. किसी केटेगरी में चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 15 गुना से कम हो रही है, तो इसमें छूट दिये जाने का प्रावधान है. वहीं,  पूर्व की तरह भाषा को नहीं जोड़ने का निर्णय लिया है. मालूम हो कि छठी सिविल सेवा परीक्षा में मुख्य रूप से इन मुद्दों को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था. इसे भी पढ़ें -देवघर:">https://lagatar.in/deoghar-meeting-held-in-vikas-bhawan-auditorium-chaired-by-deputy-development-commissioner-review-of-plans/16495/">देवघर:

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