Ranchi: आईटीआई बस स्टैंड स्थित जसलोक अस्पताल के संचालक डॉ जितेंद्र सिन्हा पर 04 मार्च को मरीज के परिजन ने बड़ा आरोप लगाया. आरोप लगाने वाले मनोज साहू ठाकुर गांव के रहने वाले हैं. मनोज ने जसलोक के संचालक डॉ जीतेंद्र पर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का आरोप के साथ मानसिक प्रताड़ना की बात का भी जिक्र किया गया है. इसी दिन "जसलोक अस्पताल पर मरीज ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप, कहा- आयुष्मान कार्ड के बावजूद इलाज के लिए डेढ़ लाख वसूला" शीर्षक के साथ
लगातार.इन">http://lagatar.in">लगातार.इन
ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर के बाद असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सिविल सर्जन) के निर्देश पर 08 मार्च को तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया जाता है.
दो दिनों में देनी थी जांच रिपोर्ट
असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (CS) ने जिस जांच टीम का गठन किया है. उस टीम में डॉ आरएस शर्मा (अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी), डॉ बीएन पोद्दार (चिकित्सा पदाधिकारी, आयुष्मान भारत), संजय तिवारी (जिला डाटा प्रबंधक) शामिल है. टीम को दो दिन में जांच कर रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपनी थी, लेकिन 6 दिन बाद भी जांच पूरी नहीं हुई. मिली जानकारी के मुताबिक जांच में अभी 2 से 3 दिन का समय लगेगा. इसे भी पढ़ें-
कांग्रेसी">https://lagatar.in/alamgir-said-in-a-meeting-with-congress-mlas-also-focus-on-getting-digital-membership/">कांग्रेसी
विधायकों संग बैठक में बोले आलमगीर, डिजिटल सदस्यता करवाने पर भी करें फोकस डॉ जीतेंद्र सिन्हा ने कहा- जांच टीम का किया सहयोग
वहीं जसलोक अस्पताल के संचालक डॉ जीतेंद्र सिन्हा जिन्हें आरोपी बनाया गया है ने कहा कि तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए आयी थी. टीम ने एमबीबीएस, एमएस और एमसीएच के डिग्री की ओरिजिनल कॉपी की जांच की है. साथ ही सभी डिग्रियों की अटेस्टेड कॉपी भी टीम अपने साथ ले गई है. जहां तक आयुष्मान भारत योजना के नाम पर पैसा लेने की बात है तो मैं कहना चाहता हूं कि ठाकुरगांव के मरीज गौर साहू का न्यूरो का इलाज किया था. इलाज के लिए हमारी हॉस्पिटल आयुष्मान भारत से इंपैनल्ड नहीं है. इलाज का पेपर समेत अन्य बिल (रिपोर्ट) हमारे द्वारा टीम को सौंप दी है. [wpse_comments_template]