न्यूज नेटवर्क ने जब पूरे मामले की तहकीकात की, तो पता चला कि स्टेटिक इंटरप्राइजेज कंपनी ने अफसरों से मिलीभगत कर, योजनाबद्ध तरीके से फर्जी कागजात के सहारे ने करोंडो का काम जरेडा से हासिल कर लिया. कंपनी ने सोलर रूफ टॉप पावर प्लांट लगाने का काम लेने के लिए टर्न ओवर सर्टिफिकेट और नेट वर्थ सर्टिफिकेट जमा किया था, वह फर्जी था. जिस चार्टड एकाउंटेट (CA) के मुहर और हस्ताक्षर से दोनों सर्टिफिकेट जारी हुए थे, वह सर्टिफिकेट देखकर हैरान हो गए. इसे भी पढ़ें- जेरेडा">https://lagatar.in/acb-will-file-case-against-four-people-including-former-jareda-director-niranjan-kumar-cm-approves/598/">जेरेडा
के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार सहित चार लोगों पर ACB दर्ज करेगी मामला, CM ने दी स्वीकृति
बोले सीए- सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर और मुहर हैं फर्जी
स्टेटिक इंटरप्राइजेज के टर्न ओवर-नेट वर्थ सर्टिफिकेट पर रांची के चार्टड एकाउंटेंट रंजीत सिंह के मुहर और हस्ताक्षर से जारी थे. लगातार">http://lagatar.in">लगातारन्यूज नेटवर्क ने सीए रंजीत सिंह से संपर्क किया. दोनों सर्टिफिकेट की विस्तृत जानकारी मांगी. वाट्सअप पर दोनों दस्तावेज भेजकर हस्ताक्षर और मुहर की सत्यता जानना चाहा. सीए रंजीत सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि यह सर्टिफिकेट मेरे द्वारा जारी नहीं किया गया है. हस्ताक्षर मेरे नहीं हैं. मुहर भी फर्जी है. कंपनी ने जरेडा में काम लेने के लिए फेबरिकेटेड सर्टिफिकेट जमा किया है.
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जरेडा से इन दस्तावेंजों पर लिया गया काम
पत्र लिखकर सीए ने जरेडा से लीगल एक्शन का मांगा परमिशन
लगातार">http://lagatar.in">लगातारको चार्टड एकाउंटेंट रंजीत सिंह ने बताया कि जैसे ही कंपनी द्वारा मेरे हस्ताक्षर और मुहर के गलत इस्तेमाल करने की जानकारी मिली, मैंने तुरंत लीगल एडवाइजर से बात की. उसके बाद मेरे एडवोकेट ने जरेडा को पत्र के माध्यम से विषय की जानकारी दी. विषय को गंभीर बताते हुए, फर्जी हस्ताक्षर और मुहर का इस्तेमाल करने वाली कंपनी स्टेटिक इंटरप्राइजेज के खिलाफ लीगल कार्रवाई का परमिशन मांगा है. चूकि मामला थर्ड पार्टी कहा है. इसलिए जरेडा से दस्तावेज जमा होने की जानकारी लेना जरूरी है. मगर दो रिमाइंडर के बाद भी जरेडा के अफसरों ने अबतक पत्र का जवाब नहीं दिया. जिस वजह से मैं कंपनी के खिलाफ लीगल कार्रवाई नहीं कर पा रहा हूं.
जानें कंपनी के प्रोपराइटर ने क्या कहा
स्टेटिक इंटरप्राइजेज के डायरेक्टर अमित कुमार से जब लगातार">http://lagatar.in">लगातारन्यूज नेटवर्क ने सर्टिफिकेट के संबंध में बातचीत की, तो उन्होंने कहा जरेडा में बहुत काम लिए हैं. किस काम में कौन दस्तावेज, सर्टिफिकेट जमा है, यह तो एकाउंटेंट ही देखकर बता सकता है. मेरे वाट्सअप पर दोनों सर्टिफिकेट भेजिए. इसे भी पढ़ें- जेरेडा">https://lagatar.in/170-crore-scam-case-in-jareda-acb-files-case-against-3-including-former-director-niranjan-kumar/11418/">जेरेडा
में 170 करोड़ घोटाला मामलाः पूर्व निदेशक निरंजन कुमार सहित 3 के खिलाफ ACB ने दर्ज किया केस कंपनी के डायरेक्टर अमित कुमार के वाट्सअप पर दोनों सर्टिफिकेट भेज कर, उसकी सत्यता बताने को कहा गया. मगर मैसेज देखने के बाद अमित कुमार ने कुछ भी जानकारी लगातार">http://lagatar.in">लगातार
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