लालू यादव को मिली हाइकोर्ट से बेल, चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी में मिली जमानत

Ranchi : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट ने लालू यादव को चाइबासा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में सशर्त जमानत दे दी है. लालू की जमानत याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई जहां वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने लालू यादव की पैरवी की. लालू यादव को 2 लाख के फाइन के अलावा 50-50 हजार के दो निजी मुचलके जमा करने की शर्त पर कोर्ट ने जमानत दी है.

लालू  यादव फिलहाल जेल में ही रहेंगे

चाईबासा केस में बेल मिलने के बाद भी लालू यादव को फिलहाल जेल में ही रहना होगा. क्योंकि लालू दुमका ट्रेजरी से निकासी के भी आरोपी हैं. इस केस में लालू  सजायाफ्ता हैं और इस केस में उन्हें जमानत मिलनी बाकी है. दुमका केस में लालू यादव की आधी सजा नवंबर में पूरी हो जायेगी. जिससे ऐसी उम्मीद का जा रही है कि लालू नबंवर महीने के बाद जेल से बाहर आ सकते हैं.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई

हाइकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता के द्वारा अदालत से लालू को जमानत नहीं देने की दलील की गयी.वहीं बचाव पक्ष यानी लालू यादव की तरफ से कारावास की अवधि एवं स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मंजूर किये जाने का आग्रह किया गया. यहां बता दें कि लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ की विशेष अदालत के द्वारा चाईबासा कोषागार से करोड़ों रुपए की अवैध निकासी के मामले में सजायाफ्ता करा दिया गया है. लालू प्रसाद यादव लगभग पिछले 3 वर्ष से ज्यादा समय से जेल  में हैं. इस बीच जुलाई महीने में लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता के द्वारा झारखंड हाइकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गयी थी और जमानत के लिए लालू यादव के बिगड़ते स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था. जमानत याचिका में आधार बनाया गया है कि लालू प्रसाद यादव ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआइ कोर्ट द्वारा सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है और लालू प्रसाद यादव फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा गंभीर असाध्य रोगों से ग्रसित हैं इसलिए उन्हें जमानत दी जाये.