नरोदा दंगा : गुजरात की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी, बाबू बजरंगी सहित 68 आरोपी बरी

Ahmedabad : SIT मामलों के विशेष जज एसके बक्शी की कोर्ट ने आज गुरुवार को गुजरात के नरोदा गांव (गाम) दंगों मामले में अपना फैसला सुना दिया. खबर है कि कोर्ट ने गुजरात की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी, बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 68 आरोपियों को बरी कर दिया. माया कोडनानी दंगों के वक्त गुजरात की मोदी सरकार में मंत्री थीं. 2002 में हुए दंगों(नरोदा गांव) में 11 लोग मारे गये थे पुलिस ने जांच के आधार पर माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत 86 लोगों को आरोपी बनाया था. इन 86 आरोपियों में से 18 की पहले ही मौत हो चुकी है. इस मामले में 21 साल बाद फैसला सुनाया गया है. नेशनल">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">नेशनल

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2002 में गोधरा में चलती ट्रेन ( S 6 बोगी) में आगजनी की गयी थी

मामले की तह में जायें तो 2002 में गोधरा में चलती ट्रेन ( S 6 बोगी) में आगजनी की गयी थी. इस हादसे में 58 कार सेवकों की मौत हो गयी थी, जो अयोध्या से आ रहे थे. . गोधरा कांड के विरोध में अगले दिन बंद के दौरान अहमदाबाद के नरोदा गाम में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इसमें 11 लोगों की मौत हो गयी थी. साथ ही पूरे गुजरात में दंगे फैल गये. इस मामले की जांच कर रही SIT ने माया कोडनानी को मुख्य आरोपी बनाया था. नरोदा नरसंहारमामले में आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश, 143 , 147 दंगे, 148, 129 B, 153 के तहत केस दर्ज किया था.

हाईकोर्ट ने बाद में कोडनानी को बरी कर दिया था

जान लें की पूर्व में कोडनानी को विशेष अदालत ने नरोदा पाटिया दंगों के मामले में 28 साल की सजा सुनाई थी. इन दंगों में 97 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने बाद में कोडनानी को बरी कर दिया था. इस मामले की सुनवाई 2009 से शुरु हुई थी. मामले में 187 लोगों से पूछताछ की गयी. 57 चश्मदीद के बयान दर्ज किये गये. 13 साल से इस मामले में सुनवाई चल रही थी. सितंबर 2017 में अमित शाह माया कोडनानी के बचाव पक्ष के गवाह के रूप में पेश हुए थे. [wpse_comments_template]