नयी सरकार में पहले नहीं मिली थी जगह
छगन भुजबल, जो नासिक जिले की येवला विधानसभा सीट से विधायक हैं, महायुति सरकार की पिछली कैबिनेट का भी हिस्सा थे. हालांकि जब मंत्रीमंडल का विस्तार हुआ, तो उन्हें बाहर रखा गया, जिससे उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई थी. इस दौरान उन्होंने अजित पवार पर भी तीखा हमला बोला था, जिसे राजनीतिक हलकों में उनके असंतोष का बड़ा संकेत माना गया.
अब उनके दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने को न केवल उनकी राजनीतिक वापसी के तौर पर देखा जा रहा है, बल्कि यह महायुति के भीतर संतुलन साधने की रणनीति भी मानी जा रही है.
सरपंच देशमुख की हत्या मामले में उनके करीबी का नाम सामने आने के बाद दिया इस्तीफा
धनंजय मुंडे के पास खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी थी. हालांकि बीड जिले में एक सरपंच देशमुख की हत्या के मामले में उनके करीबी वाल्मिकी कराड का नाम सामने आने के बाद उन पर इस्तीफे का दबाव बढ़ने लगा था. राजनीतिक और सामाजिक दबाव के चलते मार्च में उन्होंने मंत्री पद छोड़ने की घोषणा की थी.