स्पीकर के स्वत: संज्ञान की शक्ति को विलोपित करने की सिफारिश की गयी थी
बता दें कि विधानसभा की विशेष समिति ने दल-बदल मामले में स्पीकर के स्वत: संज्ञान की शक्ति को विलोपित करने की सिफारिश की थी. समिति की इस अनुशंसा के आधार पर झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने इससे जुड़ा प्रस्ताव सभा पटल पर रखा था. इस पर सदस्यों से 14 मार्च तक आपत्ति मांगी गई थी. समिति के सभापति स्पीफन मरांडी थे.सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में किया गया है संशोधन
यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट के दिए निर्णय के आलोक में लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में फैसला दिया था कि दलबदल अधिनियम के अंतर्गत कोई बाहरी भी इस विषय को उठा सकता है. झारखंड विधानसभा देश की पहली विधानसभा है, जो इस निर्णय के आलोक में नियमावली में संशोधन कर रही है. बता दें कि पूर्व में स्पीकर के पास यह अधिकार था कि वह दल-बदल मामले में स्वतः संज्ञान ले सकते थे. नए संशोधन में इस व्यवस्था को विलोपित कर दिया गया है. इसे भी पढ़ें – झारखंड">https://lagatar.in/jharkhand-state-agricultural-produce-and-livestock-marketing-promotion-and-facilitation-bill-2022-passed-bjp-walkout/">झारखंडराज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2022 पारित, भाजपा का वॉकआउट [wpse_comments_template]