“फेसबुक खोलने में अब डर लगता है”, कोरोना मरीजों का अंतिम अपडेट बन रहीं सोशल साइट्स

Sonia Jashmin

Ranchi :  देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र, दिल्ली और झारखंड सहित लगभग सभी राज्यों में संक्रमितों की संख्या लगातार">https://lagatar.in/">लगातार

बढ़ रही है. अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, रेमेडिसिवर इंजेक्शन और वेंटीलेटर के लिए लोग परेशान घूम रहे हैं. मदद नहीं मिलने पर लोग सोशल मीडिया खासकर फेसबुक और ट्विटर पर मदद मांग रहे हैं.

बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी खुशी, गम या बीमारी को फेसबुक और ट्विटर के जरिये शेयर किया और उसके बाद संक्रमित हो गये. इनमें कई लोग हैं, जो कोरोना से जंग जीतने में भाग्यशाली नहीं रहे. उनकी वह पोस्ट आखिरी पोस्ट बनकर उनके दोस्तों और परिचितों की आंखों में आंसू ला रही है. कई लोग कहते हैं कि अब तो फेसबुक खोलने में भी डर लगता है. न जाने किस अपने की जुदाई की खबर दिख जाये.

शादी के दूसरे दिन हुआ संक्रमण, रिसेप्शन के अगले दिन मौत

रांची के रहनेवाले 34 वर्षीय दीपक अनमोल तिग्गा की मृत्यु कोरोना के कारण हो गयी. अपनी शादी के दूसरे दिन ही अनमोल को अस्पताल में एडमिट होना पड़ा था. रिसेप्शन पार्टी के दूसरे दिन उनकी मौत हो गयी. परिजनों के मुताबिक, अनमोल की शादी 14 अप्रैल को हुई थी. संक्रमण बढ़ने के कारण 15 अप्रैल को उसे राज अस्पताल में एडमिट किया गया था. अगले दिन उसकी रिसेप्शन पार्टी थी. 17 अप्रैल को दीपक अनमोल को कोरोना निगल गया. उन्होंने शादी से पहले हुए रीति-रिवाजों से जुड़ी तस्वीरों और यादों को फेसबुक पर अपडेट भी किया था.

अस्पताल से अपनी हालत बता रहे थे प्रदीप

रांची के सिरमटोली निवासी प्रदीप कुजुर ने 13 अप्रैल को अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि पिछले 7 दिनों से वे कोरोना संक्रमित है. उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें एसएम मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ऑक्सीजन लेवल धीरे-धीरे नीचे आ रहा है. स्थिति गंभीर है, लेकिन नियंत्रण में है. उन्होंने इस पोस्ट के जरिये अपने रिश्तेदारों व दोस्तों को अपनी हालत की जानकारी दी. उन्होंने सबसे जल्द स्वस्थ होने की दुआ करने की बात कही. लेकिन अगले ही दिन उनकी मौत हो गयी.

फेसबुक पर लिखा - सांस लेने में तकलीफ हो रही है

रांची के चडरी में रहनेवाले लगभग 35 वर्षीय अजय कश्यप ने 23 अप्रैल को अपने दोस्त संतोष तिर्की को फेसबुक पोस्ट के जरिये बताया कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है. 24 अप्रैल को कोरोना से उनकी मृत्यु होने की जानकारी मिली.

अब तो फेसबुक खोलने से भी लगता है डर

ऊपर तीन लोगों का जिक्र है, लेकिन ऐसे अनेक लोग हैं, जिनकी जान इस महामारी की चपेट में आने से चली गयी. ऐसे बहुत से किस्से सामने आ रहे हैं कि कैसे लोगों ने अपनी इच्छाशक्ति और प्रयासों से कोरोना को मात दी. लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी काफी है, जो हंस-खेल रहे थे और संक्रमितों की मदद कर रहे थें.  

वे संक्रमण का शिकार हुए और अचानक एक दिन उनके निधन की सूचना ने उनके जाननेवालों को स्तब्ध कर दिया. डोरंडा के अब्दुल समद कहते हैं कि ऐसा माहौल है कि अब फेसबुक खोलने से डर लगता है. पता नहीं अपने किस प्यारे से जुदा होने की खबर दिख जाये.  कोरोनाकाल की यही सबसे बड़ी त्रासदी है.