Ranchi : आइपीएस अनुराग गुप्ता को डीजीपी पद पर नियुक्ति के मामले में दायर अवमानना याचिका पर अब 6 मई को सुनवाई नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 मई के लिए जारी Cause list में इस अवमानना याचिका को शामिल नहीं किया गया है. सरकार की ओर से भी शपथ पत्र दायर नहीं किया गया है.
राज्य के ब्यूरोक्रेट्स सहित राजनीतिज्ञों और पुलिस विभाग के करीब 50 हजार कनीय पदाधिकारी व पुलिसकर्मियों की नजर इस मामले की सुनवाई पर टिकी हुई है. क्योंकि डीजीपी की नियुक्ति पर उभरे विवाद का निपटारा इस अवमानना याचिका के सहारे होने की उम्मीद जतायी जा रही थी.
अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्ति के बाद नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी. इसमें मुख्य सचिव, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी की नियुक्ति के लिए गठित चयन समिति के सदस्यों को प्रतिवादी बनाया गया है.
याचिका में यह कहा गया कि प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार व अन्य के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए दिशा निर्देश जारी किया है. अनुराग गुप्ता की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के विपरीत की गयी है. इसलिए नियुक्ति के इस मामले में प्रतिवादी बनाये गये लोगों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से हटाया जाना चाहिए.
25 मार्च को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने मई महीने के पहले सप्ताह में अवमानना याचिका का सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था.
न्यायालय द्वारा जारी इस निर्देश और Computer generated आंकड़ों के अनुसार अवमानना याचिका की सुनवाई छह मई को होने की संभावना थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा छह मई के लिए जारी Cause list में इसे शामिल नहीं किया गया है. राज्य सरकार ने भी अवमानना के इस मामले में पांच मई तक शपथ पत्र दायर नहीं किया है. डीजीपी की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच उभरे विवाद की वजह से राज्य के ब्यूरोक्रेट्स और राजनीतिज्ञों की नजर अवमानना याचिका की सुनवाई पर टिकी हुई है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र भेज कर अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल 2025 को रिटायर कराने का निर्देश दिया था.
केंद्र ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि ऑल इंडिया सर्विस रूल के हिसाब से अधिकारियों के रिटायरमेंट के लिए 60 साल की उम्र सीमा निर्धारित है. केंद्र सरकार ने अनुराग गुप्ता को सेवा विस्तार नहीं दिया है. केंद्र सरकार ने अपने पत्र में राज्य सरकार द्वारा डीजीपी नियुक्ति के लिए बनाये गये नियम को भी गलत करार दिया था.
दूसरी तरफ राज्य सरकार ने केंद्र के दिशा निर्देशों पर असहमति जताते हुए अपनी राय केंद्र सरकार को भेज दी थी. इसमें राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति और इससे संबंधित नियम को सही करार दिया था. पत्र मिलने के बाद केंद्र ने राज्य सरकार को फिर से पत्र भेज कर डीजीपी के रिटायरमेंट की बात दोहराई है.