alt="" width="1187" height="316" /> हैवी ब्लास्टिंग से मकानों में पड़ी दरारें[/caption]
दर्जनों बिरहोर परिवारों के अस्तित्व पर संकट
एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल परियोजना के एमडीओ ऋत्विक-एएमआर परियोजना अंतर्गत बिरहोर कॉलोनी के महज पचास मीटर की परिधि में खनन कर रहा है. कॉलोनी में करीब पचास घर हैं. जिसमें डेढ़ सौ की आबादी निवास करती है. सरकार के द्वारा उनके लिए प्राथमिक स्कूल से लेकर पेयजल की सुविधाएं मुहैया कराया गया है. जिसमें वो दशकों से वहां रह रहे हैं. प्रशासन और एनटीपीसी नियमों-निर्देशों का उल्लंघन कर आदिम जनजाति के बनवासियो को उनके अनुकूल बिना बसाए खनन कार्य चालू कर दिया है. खनन स्थल पर विस्फोट और प्रदूषण से गंभीर घटना और गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बन चुका है. चट्टी बरियातू कोल माइंस में हैवी ब्लास्टिंग से आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के लोगों को जीवन यापन करना दुस्वार हो गया है. [caption id="attachment_849135" align="alignnone" width="1177"]alt="" width="1177" height="323" /> ब्लास्टिंग से कुएं को नुकसान[/caption]
वंश वृद्धि पर भी सवाल, ब्लास्टिंग से बढ़ रही दिल की धड़कनें
कोयला खनन कार्य के लिए किए जा रहे हेवी ब्लास्टिंग से बिरहोर परिवार के वंश वृद्धि पर संकट खड़ा होता दिखाई दे रहा है! मामला कुछ ऐसा है कि उपरोक्त कोल माइंस में कोयला खनन कार्य कर रही एमडीओ आउट सोर्सिंग कंपनी ऋत्विक एमआर के द्वारा कोयला के परत को निकालने के लिए भारी हैवी क्षमता के इंप्लोसिव डिवाइस यानी की उच्च क्षमता के बारूद का उपयोग कर रही है. हैवी ब्लास्टिंग के कारण माइंस क्षेत्र से लगभग पचास मीटर दूर बसे बिरहोर कॉलोनी जहां लगभग एक सौ परिवारों को सरकार द्वारा आवास बना कर दशकों पूर्व बसाया गया है! बिरोहर कॉलोनी में रह रहे व्यस्क लोग तो हैवी ब्लास्टिंग की क्षमता के आवाज और कंपन को जिदंगी जोखिम में डालकर झेलने को विवश है, लेकिन नवजात शिशु से लेकर पांच वर्ष के बच्चों को दिल की धड़कन की गति बढ़ जा रही है. यहीं नहीं हैवी ब्लास्टिंग के प्रकोप से नवजात से लेकर पांच वर्ष के बच्चे अपने बिस्तर से नीचे गिर जा रहे हैं. जानकारों की मानें तो ऐसी हैवी ब्लास्टिंग के दुष्प्रभाव से माइंस क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों में दिल की धड़कन की गति बढ़ने से हार्ट अटैक, वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. जिला प्रशासन और सरकार को एतियातन बिरहोर परिवार समेत माइंस क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों को जल्द से जल्द विस्थापित कर के अन्यत्र बसाना चाहिए. इस बाबत दाना बिरहोर ने कहा कि ब्लास्ट से घरों में दरार पड़ रहा है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. बच्चे बेड से ब्लास्टिंग के कारण गिर जाते हैं. [caption id="attachment_849137" align="alignnone" width="1250"]alt="" width="1250" height="702" /> बदहाल छोटकी नदी में पानी का बहाव बंद[/caption]