कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि भारतीय सेना ने 25 मिनट में 9 जगहों पर आतंकियों के 21 ठिकानों पर हमला किया गया. बताया कि 1 बजकर 05 मिनट पर पाकिस्तान पर हमला किया गया, जो 1 बजकर 30 मिनट तक चला. इस ऑपरेशन में 9 जगहों पर हमला कर आतंकियों के 21 ठिकानों पर नष्ट किया गया. https://twitter.com/AHindinews/status/1919989587926982858
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि `ऑपरेशन सिंदूर` के तहत की गयी कार्रवाई में पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया. सेना ने सटीक लक्ष्य बनाते हुए केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया. सबसे पहले सेना ने सियालकोट स्थित सवाई नाला कैंप को निशाना बनाया, जो लश्कर-ए-तैयबा का भर्ती और प्रशिक्षण केंद्र माना जाता है. इसके बाद सेना ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर से जुड़े अन्य शिविरों पर हमला किया.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जिन स्थानों को निशाना बनाया गया, उनमें ये प्रमुख ठिकाने शामिल थे : मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर मरकज तैयबा, मुरीदके सरजाल/तेहरा कलां, सियालकोट (हिजबुल मुजाहिदीन का शिविर) महमूना जोया सुविधा, सियालकोट मरकज अहले हदीस, बरनाला (भिंबर) मरकज अब्बास, कोटली मस्कर रहील शाहिद, कोटली ज़िला शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद मरकज सैयदना बिलालपीसी में बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी स्थल मरकज सुभान अल्लाह बहावलपुर, मरकज तैयबा मुरीदके, सरजाल/तेहरा कलां, महमूना जोया सुविधा सियालकोट, मरकज अहले हदीस बरनाला भिंबर, मरकज अब्बास कोटली, मस्कर राहील शाहिद (कोटली जिले में स्थित), मुजफ्फराबाद में शावई नाला कैम और मरकज सैयदना बिलाल को निशाना बनाया गया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी और पाकिस्तान-प्रशिक्षित आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या कर दी गयी थी. उन्होंने बताया कि आतंकियों ने पीड़ितों को उनके परिवार के सामने सिर में गोली मारकर मारा. यह सिर्फ हत्या नहीं थी, बल्कि एक जानबूझकर किया गया मानसिक हमला था, ताकि परिजनों को गहरी पीड़ा दी जा सके. उन्हें नसीहत दी गयी कि वो वापस जाकर इस संदेश को पहुंचा दें. मिस्री ने कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में लौट रही सामान्य स्थिति को पटरी से उतारने की एक साजिश थी. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रेस बयान में TRF (The Resistance Front) के नाम का उल्लेख हटवाने के लिए पाकिस्तान द्वारा डाला गया दबाव भी गंभीर चिंता का विषय है. विदेश सचिव ने बताया कि पहलगाम हमले की जांच में यह साफ हुआ है कि आतंकवादियों और पाकिस्तान के बीच गहरे संपर्क हैं. भारत की खुफिया एजेंसियों की निगरानी में यह भी संकेत मिले हैं कि पाकिस्तान-स्थित आतंकी नेटवर्क भविष्य में भारत पर और हमले करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे खतरे को नजरअंदाज करना असंभव था. इसलिए भारत ने आज सुबह अपनी सीमा पार हमलों का जवाब देने, उन्हें रोकने और उनका प्रतिरोध करने के अधिकार का प्रयोग किया है.