Lagatar Desk भारतीय सेना ने जिन 9 जगहों पर एयर स्ट्राइक करके ध्वस्त कर दिया है, वो सारे स्थान आंतकियों के ठिकाने थे. वहां आतंकियों के परिवार रहते थे. वहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी. और वहीं से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजनाएं तैयार की जाती रही है.
भारतीय सेना ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार ऑपरेशन सिंदूर लांच किया था. ताकि इस बार आतंकी संगठनों के जड़ पर प्रहार किया जा सके. वह भी ऐसा कि वह सालों तक उठ नहीं पाएं. इस स्थिति में उन नौ जगहों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है.
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मरकज सुबहान अल्लाह, बहावलपुर (पंजाब, पाकिस्तान)
यहां आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर था. पुलवामा अटैक की प्लानिंग और आतंकियों को यहीं पर ट्रेनिंग दी गई थी.
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मरकज तैय्यबा, मुर्दिके (पंजाब, पाकिस्तान)
यहां पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का ट्रेनिंग कैंप था. इसके साथ ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का लांच पैड भी यहां पर था. भारत में घुसपैठ की अधिकांश कार्रवाई यहीं से अंजाम दिया जाता था.
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सरजल, तेहरा कलन, नोरवाल (पंजाब, पाकिस्तान)
यहां पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का लांच पैड था और यहां से भारत में घुसपैठ की तैयारी की जाती रही है.
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मेहमूना जोया फैसेलिटी, सियालकोट (पंजाब, पाकिस्तान)
यहां पर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का ऑपरेशनल साइट हुआ करता था. यहां से भी भारत में घुसपैठ के लिए आतंकी तैयार किए जाते थे.
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मरकज अहले हदीस, बरनाला (भीमबंर, पीओके)
यहां आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का घुसपैठ सेंटर हुआ करता था. सीमा क्षेत्र से पुंछ, रजौरी व रियासी सेक्टर में यहीं से घुसपैठ कराया जाता था.
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मरकज अब्बास, कोटली (पीओके)
यहां पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सेंटर चलता था. भारतीय सेना की कार्रवाई में इस सेंटर को नेस्तनाबूद कर दिया गया है.
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मसकर राहील शाहिद, कोटली (पीओके)
यहां पर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का लांच पैड था. यहां पर ना सिर्फ आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी, बल्कि आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने की साजिश भी रची जाती थी.
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शवई नल्लाह कैंप, मुजफ्फराबाद (पीओके)
यहां पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा का एक भर्ती सेंटर था. यहां पर संगठन के लिए बच्चों को युवाओं को लाया जाता था और उन्हें आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की ट्रेनिंग दी जाती थी.
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मरकज सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद (पीओके)
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पाक अधिकृत कश्मीर में मुख्यालय हुआ करता था. मुजफ्फराबाद के लाल किले इलाके में स्थित इस मुख्यालय में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी. साथ ही नई भर्तियां की जाती थी.