गैर मजरुआ खास भूमि की रजिस्ट्री पर रोक का आदेश रद्द,पढ़ें HC का आदेश...

Vinit Abha Upadhyay  Ranchi :   झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए राज्य में गैर मजरुआ खास जमीन की रजिस्ट्री से रोक हटा दी है. हाइकोर्ट ने अपने आदेश में राजस्व निबंधन व भूमि सुधार विभाग के उस अधिसूचना को निरस्त कर दिया है, जिसमें गैर मजरुआ खास जमीन के निबंधन पर रोक लगायी गयी थी.
राजस्व निबंधन व भूमि सुधार विभाग ने 26 अगस्त 2015 को नोटिफिकेशन जारी कर गैर मजरुआ खास जमीन की रजिस्ट्री पर रोक का आदेश दिया था. जिसके बाद से राज्य भर में गैरमजरूआ खास भूमि की रजिस्ट्री बंद कर दी गयी थी. 
विभाग के आदेश के बाद राज्य भर के कई वैसे रैयत परेशान थे, जिनकी जमीन गैर मजरुआ खास खाते की है.  फिलहाल गैर मजरुआ खास भूमि की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री के लिए कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद गैर मजरुआ खास खाते की रजिस्ट्री करवाने में थोड़ी सहूलियत होगी.
दरअसल राजस्व निबंधन व भूमि सुधार विभाग के तत्कालीन सचिव कमलकिशोर सोन ने 26 अगस्त 2015 को एक अधिसूचना जारी की थी. जिसमें यह कहा गया था कि हस्तांतरण विलेख का निबंधन निबंधन अधिनियम 1908 की धारा 22 `क` के अधीन लोकनीति के विरुद्ध है. 
इस आदेश के बाद झारखंड में केसर ए हिंद भूमि, गैर मजरुआ आम भूमि, वनभूमि, जंगल समेत अन्य विभागों के लिए अर्जित सरकारी भूमि के साथ-साथ गैर मजरुआ खास नेचर की जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गयी थी. इस आदेश के खिलाफ वर्ष 2018 में छोटानागपुर डाइसिस ट्रस्ट एसोसिएशन सहित अन्य कई लोगों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.