वन विभाग के आदेश के बाद भी पीपल वृक्ष को नहीं किया गया प्रत्यारोपित

Koderma : पर्यावरण के संतुलन में वृक्षों का महान योगदान एवं भूमिका है. पर्यावरण की दृष्टि से वृक्ष हमारे परम रक्षक और मित्र हैं. हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी यह वर्णित है "एक वृक्ष दस पुत्र के समान". यह कथन आज के परिदृश्य में और भी प्रासंगिक है जब कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व को पर्यावरण के महत्व को बखूबी बता दिया और एक पाठ भी पढ़ाया कि अब भी वक्त है, जीवन  के सरंक्षण के लिये प्रकृति का दोहन बंद करना होगा. इसे भी पढ़ें -नक्सली">https://lagatar.in/outsourcing-work-tight-security-arrangements-in-magadha-colliery-among-naxalite-terrorists/10043/">नक्सली

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कथनी और करनी में होता है काफी फर्क

दरअसल यह सारी भूमिका इसलिए है क्योंकि, कथनी और करनी में काफी फर्क होता है, इसकी बानगी कोडरमा के ग्राम झुमरी में देखने को मिलती है जंहा बरही-कोडरमा एनएच-31 के चौड़ीकरण के दौरान एक विशाल पीपल वृक्ष को एनएचएआई  (NHAI) के द्वारा कुछ माह पूर्व हटा दिया गया. जब इस पेड़ पर कोडरमा निवासी पर्यावरणविद, इंद्रजीत सामंता की नजर पड़ी तो उन्होंने इस पेड़ में उत्तरजीविता के लक्षण देखे और इसकी लिखित सूचना वन विभाग को देते हुए इसे प्रत्यारोपित करने का आग्रह किया. इसे भी पढ़ें -लातेहार">https://lagatar.in/unscrupulous-thieves-broke-lock-house-in-latehar-escaped-with-jewelry-including-cash/10040/">लातेहार

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क्या सिर्फ कागजी खानापूर्ति होगी

सामंता के पत्र के आलोक में 10 नवम्बर को कोडरमा डी एफओ सूरज कुमार सिंह ने परियोजना निदेशक, एनएचएआई, हजारीबाग को पत्र लिखा और तत्काल रूप से उक्त पीपल के वृक्ष को प्रत्यारोपित करने को निर्देशित किया. ताकि उसकी उत्तरजीविता बनी रहें , पर आदेश के एक महीना बीत जाने के बाद भी एनएचएआई के कान पर जूं तक नही रेंगा और पीपल का वृक्ष यथास्थान पड़ा है. अब देखने वाली बात है कि पीपल के वृक्ष को इसमें उत्तरजीविता की संभावना रहते प्रत्यारोपित किया जायेगा या फिर सिर्फ कागजी खानापूर्ति होगी. इसे भी पढ़ें -आदिवासी">https://lagatar.in/cm-took-cognizance-in-the-case-of-a-tribal-man-being-beaten-up-by-policemen-directed-to-take-action-against-the-culprits/10037/">आदिवासी

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एनएचएआई को 1,727 पेड़ों को प्रत्यायरोपित करने का दिया निर्देश

गौरतलब है कि पीपल सबसे अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाला वृक्ष है और इसका औषधीय एवं धार्मिक महत्व है।कोडरमा- बरही फोर लेन के चौड़ीकरण कार्य के दौरान काटे जा रहे पेड़ को लेकर पर्यावरणविद इंद्रजीत सामंता ने माननीय उच्च न्यायालय में गत वर्ष एक पीआईएल दाखिल किया था. जिसके आलोक में माननीय न्यायालय ने एक High Powered Committee का गठन किया था. जिसने एनएचएआई को 1,727 पेडों को प्रत्यायरोपित करने का निर्देश दिया था. इसे भी पढ़ें -ट्रक">https://lagatar.in/bike-rider-dies-after-being-hit-by-truck/10034/">ट्रक

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