Ranchi: पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र के अशोका परियोजना कोयला खदान के तोरहद गांव के पास पीएलआर पैच में आउटसोर्सिंग के विस्थापित रामे टाना भगत ने कोयला उत्पादन और डिस्पैच का काम ठप करा दिया. वो नौकरी देने की मांग कर रहे थे. जिसे लेकर अशोक परियोजना के उक्त क्षेत्र में कोयला का उत्पादन और डिस्पैच 3 घंटे तक ठप रहा. इधर, कोयले का उत्पादन ठप हो जाने से सीसीएलपी पिपरवार को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा. इसके बाद अशोक परियोजना पदाधिकारी संजय कुमार के द्वारा विस्थापित टाना भगत के मामले को 3 महीने में सुलझा लेने के आश्वासन के पश्चात उत्पादन और संप्रेषण का कार्य चालू हो सका. इसे पढ़ें- ईडी">https://lagatar.in/bjp-troubling-hemant-sarkar-through-ed-congress/">ईडी
के माध्यम से हेमंत सरकार को परेशान कर रही भाजपा : कांग्रेस इस संबंध में अशोका परियोजना पदाधिकारी संजय कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विस्थापित ताना भगत की शेष भूमि 1 एकड़ 15 डिसमिल बची हुई है. जबकि नौकरी के लिए 2 एकड़ भूमि का होना जरूरी है. बाकी भूमि की व्यवस्था उनके परिवार के सदस्यों द्वारा उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है. विस्थापित के भाई की बेटी के द्वारा वंशावली में नाम दर्ज होने के पश्चात भी सहमति नहीं देने के कारण यह मामला अधर में लटका हुआ है. जब तक परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा पारिवारिक सूची में और सदस्यों की सहमति नहीं हो जाती है, तब तक यह कार्य स्थगित रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि आए दिन कोयला खदान को बंद कराए जाने से लाखों का नुकसान सीसीएल को उठाना पड़ रहा है, अगर ऐसा दोबारा किया गया तो कानून संवत करवाई की जाएगी. इसे भी पढ़ें-धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-poverty-was-becoming-an-obstacle-in-daughters-marriage-bada-garudwara-management-committee-held-hands/">धनबाद
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