में आर्म्ड फोर्स की दुर्दशा-1 : कुल 21 बटालियन, 4 में कमांडेंट नहीं, आठ प्रभार के भरोसे
डीआईजी नही रहने से पुलिसकर्मी नहीं कर पा रहे अपील
कुछ ऐसे मामले हैं जो अपीलीय मामले हैं जिनमें पुलिसकर्मी को विभागीय कार्रवाई में सजा मिल गई है. उनमें से कुछ लोग अपील किए हैं, और कुछ लोग अपील करना चाह रहे हैं. लेकिन जैप में डीआईजी की पोस्टिंग नहीं रहने के कारण इस पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है. इसे भी पढ़ें -झारखंड">https://lagatar.in/plight-of-armed-forces-in-jharkhand-inspection-of-only-56-to-60-pickets-in-140-picket/38129/">झारखंडमें आर्म्ड फोर्स की दुर्दशा-2: 140 पिकेट में सिर्फ 56 से 60 पिकेट का निरीक्षण
21 बटालियन चार में कमांडेंट नहीं, आठ प्रभार के भरोसे
झारखंड में आर्म्ड फोर्स की 21 बटालियन चार में कमांडेंट नहीं है और आठ के कमांडेंट का पद प्रभार के भरोसे चल रहे है. जिस बटालियन में कमांडेंट के पद खाली हैं, उसमें जैप- 8 पलामू, आईआरबी- 1 जामताड़ा, आईआरबी- 8 गोड्डा और आईआरबी- 10 पलामू शामिल है. जिन 8 बटालियनों में कमांडेंट नहीं हैं, लेकिन काम चलाने के लिये किसी एसपी रैंक के अफसर को कमांडेंट का प्रभार दिया गया है, उनमें जैप -4 बोकारो और एसआईएसएफ का प्रभार बोकारो एसपी को है. जैप -7 हजारीबाग का प्रभार हजारीबाग एसपी को है. आईआरबी -3 चतरा का प्रभार चतरा एसपी को है. आईआरबी- 4 लातेहार का प्रभार लातेहार एसपी को है. आईआरबी -9 गिरिडीह का प्रभार गिरिडीह एसपी को है. एसआईआरबी -1 दुमका का प्रभार दुमका एसपी को है. और एसआईआरबी -2 खूंटी का प्रभार खूंटी एसपी को दिया गया है. इसे भी पढ़ें -माफ">https://lagatar.in/sorry-honorable-officers-do-not-listen-to-you-because-you-see-the-weight-of-their-caste-religion-and-wallet-and-decide-how-it-is/39889/">माफकरिये माननीय! अफसर आपकी नहीं सुनते, क्योंकि आप उनकी जात, धर्म व बटुए की वजन देख कर तय करते हैं कि वह कैसा है