पीएम मोदी की छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा, बोर्ड एग्जाम में फेल हो गये तो क्या हुआ... अभिभावकों- शिक्षकों को भी सलाह

NewDelhi : नयी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आज सुबह 11 बजे परीक्षा पे चर्चा (2025) का आयोजन किया गया. यह इस कार्यक्रम का आठवां संस्करण था. कार्यक्रम परीक्षा से संबंधित तनाव को कम करने के उपायों पर आधारित था. पीएम मोदी ने छात्रों के साथ विस्तार से चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए छात्रों को तिल के लड्डू खिलाये. उन्होंने छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी जरूरी टिप्स भी दिये. पीएम मोदी ने बोर्ड एग्जाम और उसके तनाव को कम करने का मंत्र दिया. छात्रों पर करियर चुनने का दबाव और उसका हल : एक छात्र द्वारा पीएम मोदी से पूछे जाने पर कि माता-पिता द्वारा करियर चुनने के दबाव को कैसे मैनेज करें, उन्होंने जवाब दिया... दबाव सामाजिक स्थिति और दूसरे पड़ोसियों से आता है. पीएम मोदी ने माता-पिता को सलाह दी कि वे छात्रों को दूसरों के सामने मॉडल की तरह न खड़ा करें।.पीएम मोदी ने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया, जिन्हें शुरुआती दिनों में क्रिकेट में दिलचस्पी थी. उनके माता-पिता ने भी उनका साथ दिया. अगर मैं फेल हो गयी तो क्या होगा : एक छात्रा ने  प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया.. मेरे मन में चिंता रहती है कि अगर मैं फेल हो गयी तो क्या होगा?  इस डर से कैसे बचें?  पीएम ने कहा कि जो लोग फेल हो जाते हैं उनका जीवन रुक नहीं जाता.  आपको तय करना है कि जीवन में सफल होना है या किताबों से सफल होना है। आपको सोचना चाहिए कि आपकी असफलताएं तो आपकी गुरु हैं जो आपको सिखाती हैं. ऐसे में आपको उनसे डर नहीं लगेगा और आपको सीखने की इच्छा होगी.   गलतियों से  सीखें छात्र :  बोर्ड परीक्षा परिणाम को लेकर पीएम मोदी ने कहा, प्रत्येक वर्ष कक्षा 10वीं और 12वीं के लगभग 40-50 प्रतिशत छात्र फेल हो जाते हैं लेकिन इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि यह उनका अंतिम लक्ष्य है.  स्कूल और जीवन के बीच सफलता और असफलता के अंतर को समझना जरूरी है.  उन्होंने क्रिकेट मैच का उदाहरणदिया. बताया कि मैच के बाद सभी खिलाड़ी मैच का फुटेज देखते हैं और अपने द्वारा की गयी गलतियों की समीक्षा करते हैं, ताकि फिर वही गलतियां दोहराई जाने से बच सके. पीएम ने बताया टाइम मैनेजमेंट कैसे करें : पीएम मोदी ने छात्रों को बताया कि पिछले साल आये के प्रश्नों को खूब हल करें,प्रश्नों पर भी उतना ही ध्यान दें. कहा कि अभ्यास बहुत जरूरी है, जिससे आपको अन्य चीजों में पड़ने की जरूरत नहीं होती. इससे छात्र का ध्यान सिर्फ अपनी परीक्षा से संबंधित प्रश्नों पर ही रहता है. क्या है परीक्षा के दबाव से निपटने का तरीका : परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों को बताया कि परेशानी कहां से शुरू होती है. कब छात्र में तनाव और डिप्रेशन के लक्षण नजर आने लगते हैं. पीएम ने छात्रों को टिप्स देते हुए कहा कि, छात्रों को अपने मन की दुविधाओं को लोगों के साथ बांटना चाहिए,क्योंकि ऐसा करने से मन शांत रहता है. मोटे अनाज के फायदों की जानकारी दी : परीक्षा पे चर्चा की शुरुआत में पीएम मोदी ने छात्रों के साथ दैनिक आहार संबंधी आदतों पर चर्चा करते हुए मिलेट्स (मोटे अनाज) के प्रकार और उसके फायदों की जानकारी दी. उन्होंने छात्रों के बताया कि खाना खाते वक्त भोजन को कम से कम 32 बार चबाना चाहिए. छात्रों को यह भी बताया कि कौन से खाद्य पदार्थ खाने चाहिए और किन खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए. यह भी बताया कि छात्रों को खाने का सही समय क्या है. नेतृत्व कौशल विकसित करने के टिप्स दिये : नेतृत्व कौशल को विकसित किये जाने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि एक छात्र को खुद को एक उदाहरण के रूप में पेश करना चाहिए. कहा कि दूसरों को समझने, उनकी मदद करने और उनका समर्थन करने में सक्षम होना प्रभावी नेतृत्व के लिए कुछ महत्वपूर्ण कौशल है. नेतृत्व के लिए टीम वर्क और धैर्य महत्वपूर्ण है. बच्चों को सिर्फ किताबों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए : एक छात्र ने डांसिंग को लेकर सवाल पूछा. पीएम मोदी का जवाब था कि माता-पिता को यह समझने की जरूरत है कि अगर कोई गतिविधि छात्र को खुश और तनाव मुक्त करती है, तो उसे करना जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों को सिर्फ किताबों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए. लेखन के अभ्यास का महत्व : पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान, छात्रों से संवाद करते हुए कि लेखन के अभ्यास के महत्व की जानकारी दी. कहैकि लेथन कला से कौशल में सुधार होता है क्योंकि लिखने में आपके विचार जुड़े होते हैं. ध्यान के महत्व की जानकारी दी : परीक्षा पे चर्चा के क्रम में पीएम मोदी ने छात्रों से ध्यान लगाने और पक्षियों, फव्वारों और अन्य चीजों सहित आसपास के वातावरण का निरीक्षण करने की सलाह दी. पीएम ने छात्रों से प्राणायाम करने और शरीर को नियंत्रित करने की तकनीक साझा करने को कहा. उन्होंने कहा कि, छोटे-छोटे कार्यों और लक्ष्यों के माध्यम से सफलता हासिल की जा सकती है। अभिभावकों से कहा, बच्चों को समझने की कोशिश करें : पीएम मोदी ने अभिभावकों से कहा, अपने बच्चों को समझने और उनकी क्षमताओं को समझने का प्रयास करें. चाहे वह खेल में हो या कला में. साथ ही उन्होंने शिक्षकों को भी सलाह दी कि किसी भी छात्र की अन्य छात्रों के साथ तुलना न करें.   टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करें :   पीएम मोदी ने छात्रों को तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी और उसके सही इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी. कहा कि, टेक्नोलॉजी कोई खतरनाक तूफान नहीं है, जो आपको गिरा देगा.  उन्होंने कहा, दुनियाभर में रिसर्च कर रहे लोगों द्वारा टेक्नोलॉजी का आविष्कार लोगों के अच्छे के लिए होता है. पीएम ने टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल और समय बर्बाद करने वाली गतिविधियों से बचने के टिप्स दिये.

छात्रों के साथ एक पेड़ मां के नाम... के तहत पौधारोपण 

एक छात्र नें जलवायु परिवर्तन पर सवाल पूछा. पीएम मोदी ने उस छात्र की सराहना की. उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों से ही किसी ने प्रकृति की परवाह नहीं की, उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि प्रकृति जीवनशैली का हिस्सा बने, पीएम ने अपनी पहल एक पेड़ मां के नाम...की चर्चा की. इस क्रम में पीएम मोदी ने छात्रों के साथ एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधा रोपण भी किया. उन्होंने छात्रों को बताया कि पेड़ लगाते समय उसके बगल में एक मिट्टी का मटका भी लगाया चाहिए, जिसमें महीने में एक बार पानी डालना चाहिए, जिससे पौधे की बढ़त कम पानी मिलने पर भी अच्छी होगी. हर खबर के लिए हमें फॉलो करें 
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