नौ दोषियों ने 2016 से 2018 तक दो साल तक कई महिलाओं का यौन शोषण किया था. पीड़ितों में कॉलेज की छात्राएं और शादीशुदा महिलाएं थीं. Chennai : कोयंबटूर महिला अदालत द्वारा आज मंगलवार को नौ लोगों को मौत होने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने की खबर है. तमिलनाडु के पोल्लाची यौन उत्पीड़न मामले में सजा सुनाई गयी है. बता दें कि कोर्ट ने आज सुबह ही सभी को दोषी करार दिया था. जज आर नंदिनी देवी ने इन आपोपियों को गैंगरेप और बार-बार रेप का दोषी पाया था. सजा के साथ ही महिला अदालत ने पीड़ित महिलाओं को 85 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया. नौ दोषियों ने 2016 से 2018 तक दो साल तक कई महिलाओं का यौन शोषण किया था. पीड़ितों में कॉलेज की छात्राएं और शादीशुदा महिलाएं थीं. दोषियों ने यौन शोषण के वीडियो बनाये, ब्लैकमेल कर महिलाओं के साथ कई बार रेप किया. इतना ही नहीं. दोषियों ने यौन शोषण के वीडियो बनाये और ब्लैकमेल कर महिलाओं के साथ कई बार रेप किया. आरोप था कि 50 से ज्यादा महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया, लेकिन उनमें से केवल 8 ने ही दोषियों के खिलाफ गवाही दी थी. दोषियों के नाम सबरीराजन उर्फ रिशवंत थिरुनावुकारसु, टी वसंत कुमार, एम सतीश, आर मणि उर्फ मणिवन्नन, पी बाबू, हारोन पॉल, अरुलानंथम और अरुण कुमार हैं. रेप की घटना 24 फरवरी, 2019 को पहली बार सामने आयी थी.19 साल की एक छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि 12 फरवरी को पोल्लाची के पास चलती कार में चार लोगों ने उसका रेप किया. उन्होंने वीडियो बनाया और छात्रा की सोने की चेन भी लूट ली. उसे सुनसान जगह पर लाकर छोड़ दिया. छात्रा ने अपने परिवार को उस समय जानकारी दी जब आरोपियों ने वीडियो लीक करने की धमकी देते हुए उससे यौन संबंध बनाने की मांग की. छात्रा की शिकायत के बाद 2019 में सभी युवक गिरफ्तार कर लिये गये छात्रा की शिकायत के बाद 2019 में सभी युवक गिरफ्तार कर लिये गये थे. तब से सभी सलेम सेंट्रल जेल में बंद है. आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, यौन उत्पीड़न, रेप, गैंगरेप और जबरन वसूली का केस दर्ज किया गया था युवकों के फोन और लैपटॉप से कई महिलाओं के वीडियो पाये गये. एक बात और कि इन युवकों के फोन और लैपटॉप से कई महिलाओं के वीडियो पाये गये. इनमें पीड़ितों के कई वीडियो क्लिप मिले थे, इनमें से ज्यादातर घटनाएं पोल्लाची के पास चिन्नाप्पलायम में दोषी करार दिये गये थिरुनावुक्कारारू के फार्महाउस पर हुई थी. AIADMK सरकार ने मामला CBI को ट्रांसफर कर दिया था. शुरू में पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी. बाद में मामला CID को सौंप दिया गया. हंगामा बढ़ने पर तत्कालीन AIADMK सरकार ने मामला CBI को ट्रांसफर कर दिया था. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सुरेन्द्र मोहन ने संवाददाताओं को बताया कि एजेंसी ने मौत तक आजीवन कारावास की सर्वाधिक सजा दिये जाने का अनुरोध किया था इसे भी पढ़ें : CJI">https://lagatar.in/cji-sanjeev-khanna-is-retiring-today-said-i-will-not-accept-any-post/">CJI
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