Ranchi : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शिल्पकारों और कारीगरों को चेतावनी दी है. बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कारीगर किसी भी मूर्ति को बनाने में थर्मोकोल का उपयोग नहीं करें. मां दुर्गा सहित अन्य मूर्तियों के निर्माण में चिकनी और शुद्ध मिट्टी का ही उपयोग करें. मूर्ति निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस का भी इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
कारीगरों और शिल्पकारों को दिये गये हैं निर्देश
- जल प्रदूषण को रोकने के लिए पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति निर्माण में मिट्टी और पुआल का इस्तेमाल करें.
- मूर्तियों के सजावट में प्राकृतिक सामग्रियों का इस्तेमाल करें. सजावटी कपड़ों का इस्तेमाल करें. रासायनिक डाई और ऑयल पेंट का इस्तेमाल न करें.
- मूर्तियों के श्रृंगार के लिए सूखे पुआल व प्राकृतिक रेजिन का उपयोग करें.
- शिल्पकारों और कारीगारों का निकायों में रजिस्ट्रेशन जरूरी है. जो शिल्पकार रजिस्टर्ड नहीं होंगे, उन्हें मूर्ति निर्माण कार्य से दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जायेगा.
राजीव लोचन बक्शी ने कहा कि जल प्रदूषण को देखते हुए यह बोर्ड की ओर से यह निर्देश जारी किया गया है, ताकि पर्यावरण में अनुकूलता बनी रहे.