पोप लियो XIV के पहले शब्द –"आप सभी के साथ शांति हो!"

Lagatar desk : कॉन्क्लेव ने रॉबर्ट फ्रांसिस कार्डिनल प्रीवोस्ट को रोम के 267वें बिशप के रूप में चुना है. नए पोप की घोषणा प्रतीक्षारत भीड़ के लिए कार्डिनल प्रोटोडेकॉन डोमिनिक मैम्बर्टी द्वारा की गई. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/05/Untitled-5-13.jpg"

alt="" width="600" height="400" />   पोप लियो XIV (जन्म रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट, 14 सितंबर 1955) एक अमेरिकी कैथोलिक प्रेलेट हैं, जो 8 मई 2025 से कैथोलिक चर्च के प्रमुख और वेटिकन सिटी राज्य के संप्रभु रहे हैं. उन्होंने 2023 से बिशप्स के डिकैस्टरी के प्रीफेक्ट और लैटिन अमेरिका के पोंटिफिकल कमीशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. इससे पहले वे 2015 से 2023 तक पेरू में चिकलायो के बिशप रहे और 2001 से 2013 तक सेंट ऑगस्टीन के ऑर्डर के प्रायर जनरल रहे. 2015 में कार्डिनल प्रीवोस्ट पेरू के नागरिक बन गए, जैसा कि पेरू के नेशनल सिविल रजिस्ट्री द्वारा पुष्टि की गई. 8 मई 2025 को उन्हें पोप चुना गया और उन्होंने पापल नाम लियो XIV चुना.शिकागो में जन्मे प्रीवोस्ट ने अपने करियर की शुरुआत ऑगस्टिनियन के लिए काम करते हुए की. उन्होंने 1985 से 1986 और 1988 से 1998 तक पेरू में एक पैरिश पादरी, धर्मप्रांत अधिकारी, सेमिनरी शिक्षक और प्रशासक के रूप में कार्य किया. 2023 में उन्हें कार्डिनल बनाया गया और पोप फ्रांसिस ने उन्हें बिशप्स के डिकैस्टरी के प्रीफेक्ट के रूप में नियुक्त किया, जो एक प्रमुख भूमिका है.   झारखंड की सिस्टर सबीना डुंगडुंग से मिले पोप : चुनाव के बाद पहले दिन नए पोप लियो XIV ने सिमडेगा, झारखंड से सिस्टर सबीना डुंगडुंग से मुलाकात की. वह पहली भारतीय आदिवासी हैं, जिन्होंने नए पोप लियो XIV से मुलाकात की. पोप ने उनसे 8 मिनट तक बात की, जिसमें उनके जीवन, उनके देश और उनकी सेवाओं के बारे में चर्चा हुई. सिस्टर सबीना डुंगडुंग सांता मार्ता घर में अपनी सेवाएं देती हैं, जहां पोप फ्रांसिस रहते थे. उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "नए पोप लियो XIV बहुत ही सरल और दयालु हैं. उनकी सहृदयता और मिलनसारिता ने मेरा दिल जीत लिया. मैं उनसे बात करके बहुत खुश और सम्मानित महसूस कर रही हूं.इस मुलाकात ने न केवल सिस्टर सबीना के लिए बल्कि पूरे झारखंड और भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल बना दिया.