3 साल की मासूम से चाचा ने की हैवानियत
पारंपरिक खेती के साथ शुरू की व्यवसायिक खेती
[caption id="attachment_9809" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> प्रभुदास के खेत में लगे हुए अनानस...[/caption] प्रभुदास ने एक दशक पहले पारंपरिक खेती के साथ ही व्यवसायिक खेती करना प्रारंभ कर दिया. आज उनके पास अच्छी किस्म के आम के करीब 1500 पेड़ और अमरूद के 500 पेड़ हैं. इसके अलावा प्रभुदास मौसमी सब्जियों की अच्छी उपज सिमडेगा बाजार को उपलब्ध कराते हैं. इस वर्ष बाजार को सबसे पहले फूलगोभी और मटर भी प्रभुदास ने ही उपलब्ध कराया था. सुबह से शाम तक अपने और परिवार वालो के सहयोग से प्रभुदास अपने खेत में रमे रहते हैं. आम, अमरूद और ताजी सब्जियों के साथ साथ प्रभुदास अब ज़िलेवासियों को अपने खेत के अन्नानस, संतरे और स्ट्रॉबेरी भी खिलाने की तैयारी कर रहे हैं. प्रयोग के तौर पर अन्नानस और संतरे के फल आने शुरू हो गये हैं. उनके तैयार ग्रीन हाउस में जल्द ही स्ट्रॉबेरी की खुशबू भी महकने लगेगी. इसे भी पढ़ें-एक">https://lagatar.in/another-married-woman-victim-of-domestic-violence-accused-of-harassing-her-in-laws/9797/">एक
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बच्चे प्राप्त कर रहे हैं अच्छी शिक्षा
प्रभुदास की मेहनत का ही फल है कि आज उनके सभी बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. प्रभुदास अपने एक बच्चे को इंजीनियर बनाना चाहते हैं. खेती से आय की बात करने पर प्रभुदास कहते हैं कि वे कुछ हिसाब तो नहीं रखते, लेकिन अमुमनत: सालाना कमाई दस लाख के करीब हो जाती है. पैसे कमाने के बाद भी इन्होंने कभी भी अपने काम को नहीं छोड़ा. आज भी प्रभुदास साधारण कपडों में हाथ में कुदाल लिए दिन भर अपने खेत में ही नजर आते हैं. बता दें सिमडेगा में लगने वाले गांधी विकास मेले में भी पिछले कई वर्षों से अपने उत्पादन का प्रदर्शन कर प्रभुदास कई पुरस्कार जीत चुके हैं. प्रभुदास से प्रेरणा लेकर जोकबहार क्षेत्र में कई किसानों ने भी अब व्यवसायिक खेती का ओर कदम बढाएं हैं. इसे भी पढ़ें - महाराष्ट्र">https://lagatar.in/new-dress-code-for-government-employees-in-maharashtra-ban-on-jeans-t-shirts/9799/">महाराष्ट्रमें सरकारी कर्मचारियों के लिए नया ड्रेस कोड: जींस, टी-शर्ट पर प्रतिबंध