प्रतुल शाहदेव का केशव महतो कमलेश के बयान पर पलटवार, कहा, कांग्रेस देश की सबसे बड़ी ओबीसी विरोधी पार्टी

 Ranchi :  भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस को देश की सबसे बड़ी ओबीसी विरोधी पार्टी करार दिया. कहा कि 25 जुलाई के ओबीसी प्रदर्शन में भागीदारी की घोषणा सिर्फ नाटक है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी के हितों की अनदेखी की है और उनके अधिकारों को दबाने का काम किया है.

 


राजीव गांधी ने किया था ओबीसी आरक्षण का विरोध

 


प्रतुल ने कहा कि ओबीसी को 27% आरक्षण देने वाले मंडल कमेटी की सिफारिशों को कांग्रेस की स्वर्गीय इंदिरा गांधी एवं स्वर्गीय राजीव गांधी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकारों ने दबा कर रखा था. अगस्त 1990 में मंडल कमीशन रिपोर्ट को सदन में पेश किये जाने पर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजीव गांधी ने इसका पॉइंट दर पॉइंट विरोध करते हुए इसे देश को तोड़ने वाला बताया था.

 


कांग्रेस ने पंचायत स्तर पर ओबीसी को कर दिया नेतृत्व विहीन 

 


प्रतुल ने कहा कि  झारखंड में कांग्रेस ने पंचायत स्तर पर ओबीसी समुदाय को नेतृत्व विहीन कर दिया है. उन्होंने कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवाना और सर्वोच्च न्यायालय की फटकार के बाद मामला रुकना कांग्रेस की ओबीसी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.

 


गठबंधन ससरकार में अराजकता चरम पर

 


भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि गठबंधन सरकार की एकजुटता का दावा लगातार तथ्यों से टकराता है. उन्होंने कहा कि सरकार में अराजकता चरम पर है और दूल्हे के फूफा वाली स्थिति हो गयी है. पूरे प्रदेश में कांग्रेस के संगठन की स्थिति खस्ता हाल है. अब तो प्रदेश अध्यक्ष ने भी स्वीकार कर लिया है कि अब तक जमीनी संगठन का ढांचा पूरी तरह से तैयार नहीं है.

 


 बंधु तिर्की नगड़ी में रिम्स टू का विरोध करते है.


भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बंधु तिर्की नगड़ी में रिम्स टू का विरोध करते है. तो वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी रिम्स टू वही बनेगा का नारा लगाते हैं. दीपिका पांडे सिंह अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने में बैठी थी.

 

इतने दिनों के बाद दिया गया इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण ही खुद संदेह पैदा करता है. जब कांग्रेस विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप मुख्यमंत्री की स्वीकृति प्राप्त मुख्य सचिव के द्वारा निर्गत आदेश को अंचलाधिकारी के मुंह पर फेंक देते हैं.