alt="" width="1600" height="1204" /> नाटक की तस्वीर[/caption]
"हरीश` की पत्नी` सावित्री` कम पढ़ी-लिखी और गंवार है. हरीश ने प्रमोशन पाने के चक्कर में अपनी कंपनी के सुपर बॉस मिस्टर घोष को अपने घर डिनर पर सपरिवार आमंत्रित किया है. प्रमोशन के लिए वह बॉस को बहलाना चाहता है. इंप्रेस करने के चक्कर में हरीश मित्र `प्रकाश` की पत्नी `रजनी` थोड़ी देर के लिए उसकी पत्नी बनने के लिए मिन्नत कर मना लेता है, जिससे वह मिस्टर घोष पर अपना इम्प्रेशन जमा सके. इस प्रकार झूठी शान-शौकत के लिए हरीश ने घर का सोफा, क्रॉकरी आदि मंगनी में अथवा किराये पर लेकर और पड़ोसी की पढ़ी-लिखी सुंदर लेक्चरर पत्नी रजनी को अपनी पत्नी और `सावित्री` को नौकरानी के रूप में प्रदर्शित करने का पूरा इंतजाम अपने बॉस के सामने कर रखा है. धीरे-धीरे हरीश की पोल मिस्टर घोष के सामने खुल जाती है और उसे लज्जित होना पड़ता है.
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alt="" width="1600" height="1204" /> नाटक में कलाकारों ने बांधा समा[/caption]
alt="" width="1600" height="1204" /> नाटक में कलाकारों ने बांधा समा[/caption]
नाटक में इन कलाकारों की भागीदारी रही- शंकर पाठक, पूजा कुमारी,अंजली वर्मा, जितेंद्र वाधेर, मुन्ना लोहार, पंकज कुमार, पवन कुमार, मनमोहन सिंह (बादल), नैना कुमारी, पंकज कुमार, मुन्ना लोहार, संतोष पाठक, रतनी कुमारी, दीपक चौधरी, अभिराज कुमार,कहानी विनोद रस्तोगी. परिकल्पना एवम् निर्देशन अजय मलकानी कल नाट्य महोत्सव के समापन के अवसर पर मैट्रिक्स नाट्य संस्था का नाटक राज रक्त का मंचन होगा जिसका निर्देशन अभिराज कुमार ने किया है.
नाटक के निर्देशक अजय मालखानी ने बताया की इस नाटक का संदेश यह है कि प्रमोशन के लिए काम देखने की जरूरत होती हैं, ना की चापलूसी करनी होती है.
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