सुप्रियो के सवालः भाजपा और राजबाला का करीबी प्रेम प्रकाश आखिर हेमंत सोरेन के करीबी कैसे ?

  • सुप्रियो ने पूछा - आखिर बाबूलाल साहेबगंज स्थित गंगा नदी में जाकर किसके स्टीमर पर घुमते और कहां खाना खाते हैं ?
  • जिस-जिस राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर पहल की, उसे केंद्रीय एजेंसियां परेशान कर रहीं. दिल्ली और झारखंड इसके सटिक उदाहरण
Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर बुधवार को की गयी कार्रवाई के बाद उसे कथित रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी बताये जाने पर झामुमो ने कड़ी आपत्ति जतायी है. पार्टी नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि आज झारखंड में खनन मामले में ईडी की जांच चल रही है. उस जांच के दायरे में जो भी सामने आ रहे हैं, उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जोड़ा जा रहा है. आखिर यह कैसे हो सकता है, कि जो व्यक्ति पूर्व सीएम रघुवर दास के साथ देवघर में उनके सचिव के बेटे के रिसेप्शन पार्टी में शामिल हुआ हो, जिसका संबंध सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के साथ था, वह हेमंत सोरेन का करीबी कैसे हो सकता है. हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो, ताकि जांच के दायरे में रघुवर दास भी आएं. इसे पढ़ें-रांची:">https://lagatar.in/ranchi-demand-for-inclusion-of-sc-students-in-marang-gomke-jaipal-singh-munda-scholarship/">रांची:

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पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर सुप्रियो ने पूछा कि आखिर किसने साहेबगंज में डीएमओ को भेजा था, जिसे पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया था. आखिर बाबूलाल मरांडी साहेबगंज के गंगा नदी में जाकर किसके स्टीमर में घुमते हैं. किनके घर में खाना खाते हैं, उसको यदि ईडी पूछताछ के लिए बुलाता है, तो वह भी हेमंत सोरेन का करीबी ?. क्या आदिवासी होना, आदिवासी दिवस मनाना गुनाह है. क्या यह गुनाह है कि हेमंत सोरेन आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेज रहे हैं. उन्होंने कहा, हेमंत राज में आदिवासी, बच्चों को विदेश में भेजकर गुणावत्तापूर्ण शिक्षा देने की पहल काफी सराहनीय है. आज स्थिति यह हो गयी है कि शिक्षा के क्षेत्र में जो भी राज्य अच्छा काम कर रहे हैं, उस राज्य की सरकार को हटाने के लिए केंद्रीय जांच एंजेसियां हरसंभव काम कर रही हैं. पहले दिल्ली के केजरीवाल के शिक्षा मॉडल जिसे पूरे देश-विदेश में सराहा गया, उससे भाजपा विचलित हो गयी. पूरी साजिश रच कर दिल्ली के शिक्षा मॉडल को ध्वस्त करने का काम किया गया. इसे पढ़ें-साहिबगंज">https://lagatar.in/sahibganj-truck-laden-with-stone-chips-hit-an-electric-pole-pole-damaged/">साहिबगंज

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झारखंड में मरांग गोमके छात्रवृत्ति पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत हुई, तभी से भाजपा को सिर दर्द होने लगा. सुप्रियो ने कहा, भाजपा ने एक पटकथा लिखी कि कैसे झारखंड में केंद्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर हेमंत सरकार को बदनाम किया जाये. भाजपा शुरू से ही शिक्षा की दुश्मन पार्टी है. भाजपा नेता नहीं चाहते हैं कि देश में लोग शिक्षित हों. खासकर आदिवासी, मूलवासी, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, कमजोर तबके के बच्चों के घरों तक शिक्षा पहुंचे. झामुमो नेता ने कहा, आज भाजपा राज में बैंकों से लोन लेने वालों का कर्ज माफ किया जा रहा है. कॉरपोरेट टैक्स घटाए जा रहे हैं, लेकिन भाजपा नेताओं को वह रेवड़ी नहीं दिखता है. उन्हें तो मुफ्त शिक्षा ही रेवड़ी दिखती है. हेमंत सरकार के शिक्षा पर बेहतर काम करने को रोकने के लिए ही केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग बढ़ा है. बिहार में सरकार बदलते हुए सीबीआई का हस्तक्षेप बढ़ गया. दिल्ली में सीबीआई जांच शुरू हो गई है. झारखंड में ईडी की कार्रवाई जारी है. महाराष्ट्र में भी कुछ इसी तरह की कार्रवाई केंद्र के निर्देश पर किया गया. इसे भी पढ़ें-आंगनवाड़ी">https://lagatar.in/anganwadi-worker-will-get-rs-9500-and-helper-will-get-rs-4750-every-month-new-rules-soon-chief-minister/">आंगनवाड़ी

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पिछले दिनों दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बयान दिया कि भाजपा में शामिल होने पर उनपर दर्ज सारा केस माफ हो जाएगा. आज दिल्ली के ही चार विधायकों ने स्पष्ट कहा कि उन्हें 20-20 करोड़ रुपये देने की बात भाजपा ने की. ऑफर तो यहां तक दिया गया कि अन्य विधायक के लाने पर 20-20 करोड़ रुपये के अतिरिक्त 5 करोड़ रुपये और राशि दी जाएगी. झारखंड में भी 10-10 करोड़ रुपये देने की बात सामने आ चुकी है. आखिर इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है. [wpse_comments_template]