बारिश ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 24 घंटे में 151 मिमी बारिश

  • मई महीने के दौरान रांची में बारिश के सभी रिकार्ड टूटे
  • 24 घंटे के साथ-साथ पूरे महीने की बारिश का रिकार्ड बना
  • 24 घंटे में 151 मिमी और पूरे महीने में हुई 269.5 मिमी बारिश
  • कमजोर होकर पलामू और गढ़वा पहुंचा तूफान का केंद्र

Ranchi: यास तूफान के कारण रांची में हुई पिछले 24 घंटों की बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस अवधि के दौरान रांची में 151 मिमी बारिश दर्ज की गई. यह मई महीने में 24 घंटों के दौरान हुई अब तक की सबसे अधिक बारिश है. इससे पहले 17 मई 1990 के दिन 24 घंटे में 72.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी. इस रिकॉर्ड के टूटने के अलावा इस बारिश ने पूरे मई महीने के दौरान हुई सबसे अधिक बारिश के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.

इस महीने में 27 मई तक 269.5 मिमी बारिश हुई है, जो कि किसी भी मई महीने की पूरी अवधि के दौरान हुई बारिश से अधिक है. इससे पूर्व 1959 के मई महीने के दौरान रांची में 151.0 मिमी बारिश हुई थी, जो कि इस महीने के दौरान अब तक हुई बारिश से अधिक थी. मौसम विभाग के अनुसार रांची में पूरे मई महीने के दौरान 61.7 मिमी औसत बारिश होती है.

मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान यास तूफान के कारण रांची में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. इस बारिश ने पिछले मई महीनें के दौरान हुई बारिश के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिये हैं. तूफान के कारण राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अभी तक हुई बारिश में यह सर्वाधिक है. रांची के अलावा गुरुवार की सुबह तक जमशेदपुर में 115.0 और डाल्टनगंज में सुबह 45.0 मिमी बारिश हो चुकी है.सभी जिलों से अपडेट लिया जा रहा है.

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उन्होंने बताया कि यास तूफान अभी भी झारखंड के पश्चिमोत्तर से होकर गुजर रहा है. यह लगातार कमजोर हो रहा है. लेकिन तूफान के केंद्र में होने के कारण पलामू और गढ़वा में भारी से भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है.

रांची में अत्यधिक बारिश होने की वजह यास तूफान के रांची से होकर गुजरना है. मौसम विभाग के मुताबिक मई महीने में झारखंड से होकर चक्रवातीय तूफान कम ही गुजरते हैं. आमतौर पर दक्षिण-पूर्व मानसून के शुरू होने से ठीक पहले ऐसे तूफान बंगाल की खाड़ी में बनते हैं. जिससे मानसून को आगे बढ़ने में सहायता मिलती है. झारखंड में मानसून 10 से 15 जून के बीच होता है. बंगाल की खाड़ी में अनुकूल स्थितियां हैं. इसलिए वहां निम्न दबाव क्षेत्र फिर से बनने की पूरी संभावना है.

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