में दंगों के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार- ओवैसी
सबको साथ लेकर चलती थीं रानी दुर्गावती
रानी दुर्गावती देवी के बारे में कहा जाता है कि वो सबको साथ लेकर चलती थीं. सभी धर्मों को समान रूप से मानती थीं. यही वजह है कि चाहे गरीब हो या अमीर सभी के मुंह से रानी दुर्गावती देवी और इनके परिवार की तारीफ होती रही है. बुजुर्ग बताते हैं कि कामता फिल्ड में कामता व बेलवाही गांव में मुहर्रम का ताजिया हमेशा रूकता था. एक वर्ष जब ताजिया नहीं रुकी तो रानी दुर्गावती देवी चिंतित हो गई. मुस्लिम समुदाय को उन्होंने बुलाकर पूछा कि क्या कोई बात हो ग., किसी ने मना किया तो बताइए कौन मना किया. रानी दुर्गावती देवी के कहने पर फिर से कामता मैदान में ताजिया रुकने लगी और मुहर्रम का मेला लगने लगा. इसे भी पढ़ें : धनबाद:">https://lagatar.in/dhanbad-eminent-social-worker-bm-desai-merges-in-five-elements/">धनबाद:प्रख्यात समाजसेवी बीएम देसाई पंचतत्व में विलीन [wpse_comments_template]