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6, 2021
इस्पात संयंत्र से जहरीली गैस रिसी, 4 मजदूरों की मौत
इस कानून से संबंधित मामले इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेंडिंग हैं
सीजेआई एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के क्रम में राज्य सरकारों से जवाब दाखिल करने को कहा. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई को बताया कि इससे संबंधित मामले इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेंडिंग हैं उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि वे हाई कोर्ट क्यों नहीं गये. याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह का जवाब था कि अन्य राज्यों ने भी इसी तरह के कानून बनाये हैं. इसे भी पढ़ें : सुप्रीम">https://lagatar.in/hearing-on-agricultural-laws-in-supreme-court-now-on-january-11/15683/">सुप्रीमकोर्ट में कृषि कानूनों पर अब 11 जनवरी को सुनवाई
शादी के बीच से लोगों को उठाया जा रहा है
याचिकाकर्ता ने कानून पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि शादी के बीच से लोगों को उठाया जा रहा है. इन कानूनों के कुछ प्रावधान काफी भयानक हैं, क्योंकि शादी के लिए सरकार से इजाजत का प्रावधान किया गया है, जो बिल्कुल आपत्तिजनक है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उत्तराखंड और यूपी राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. हालांकि याचिकाकर्ता ने कानून पर स्टे लगाने का आग्रह किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार का पक्ष नहीं सुना है. इसे भी पढ़ें : प्रणब">https://lagatar.in/in-pranab-mukherjees-book-advised-to-pm-modi-should-listen-to-voice-of-opposition-the-presidential-years-hit-the-market/15601/">प्रणबमुखर्जी की किताब में पीएम को सलाह, मोदी को विपक्ष की आवाज सुननी चाहिए, द प्रेसिडेंसियल ईयर्स बाजार में आ गयी